रायपुर: आरंग के वार्ड 3 के अवंती बाई लोधी चौक में एक परिवार में ईसाई धर्म के रीति रिवाजों के साथ 19 वर्षीय लड़के और 22 वर्षीय लड़की की शादी हो रही थी. जिसे प्रशासन ने रुकवा दिया है. शादी होने से पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग आरंग के अधिकारियों ने विवाह स्थल पहुंचकर शादी पर रोक लगा दी.
ऋषि बंजारे, बाल परियोजना अधिकारी भारत में कानूनी रूप से लड़कों के शादी की उम्र 21 वर्ष है लेकिन लड़का आज की तारीख में 19 वर्ष का ही हो रहा है. जिसके कारण अधिकारियों ने शादी को अवैध मानते हुए लड़के के परिजन को समझाइश देते हुए शादी पर रोक लगा दी. आरंग के वार्ड 03 अवंति बाई लोधी चौक के रहने वाले युवक कुछ दिन पूर्व पड़ोस की रहने वाली 22 वर्षीय लड़की को भगाकर ले गया था. कुछ दिन बीत जाने के बाद लड़का बालिग लड़की को अपने घर ले आया.
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लड़की के परिजनों के विरोध के बाद भी नाबालिग लड़के की मां दोनों की शादी ईसाई धर्म के रीति रिवाजों के अनुसार 7 जुलाई को करने वाले थे. इसके लिए बाकायदा शादी का कार्ड भी छपवाया. लड़के की शादी की जानकारी जैसे ही एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी ऋषि बंजारे को मिली वे अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और शादी को अवैध मानते हुए रोक लगा दी.
इस दौरान पदाधिकारी भी वहां पहुंच गए. परियोजना अधिकारी ऋषि बंजारे ने शादी को अवैध ठहराते हुए लड़के और लड़की के परिजनों को बुलाकर समझाइश दी कि जब तक लड़के की उम्र 21 वर्ष नहीं हो जाती तब तक इसकी शादी नहीं हो सकती. ऐसा करने पर परिजनों को सजा हो सकती है. कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए लड़के की शादी रद्द कर दी गई.