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आज मनाया जा रहा बोधि दिवस, क्या है दिन का इतिहास और महत्व, जानिए - बौद्ध धर्म के अनुयायी

Bodhi Day 2023 बोधि दिवस हर साल 8 दिसंबर को मनाया जाता है. बोधि दिवस उस पल की याद दिलाता है, जब राजकुमार सिद्धार्थ गौतम को परम ज्ञान की प्राप्ति हुई. जिसके बाद वे बुद्ध बनकर जागृत हुए थे. Raipur News

Bodhi Day 2023
बोधि दिवस 2023

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 8, 2023, 10:37 AM IST

रायपुर: विश्वभर के प्रमुख धर्मों में एक बौद्ध धर्म आध्यात्मिक ज्ञान को पाने की ओर ध्यान केंद्रित कराता है. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की याद में ही बोधि दिवस मनाया जाता है. गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं के आधार पर ही बौद्ध धर्म की नींव रखी थी. बौद्ध धर्म के अनुयायी हर साल 8 दिसंबर को बोधि दिवस मनाते हैं. इस दिन सभी लोग ध्यान, धर्म अध्ययन, बौद्ध ग्रंथों का जाप करते हैं और महात्मा बुद्ध की पूजा करते हैं.

क्यों मनाया जाता है बोधि दिवस (Bodhi Day 2023):बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए बोधि दिवस 2023 का दिन बहुत खास है. महात्मा बुद्ध बनने से पहले सिद्धार्थ गौतम के नाम से जाने जाते थे. सिद्धार्थ गौतम का जन्म जन्म लुंबिनी (अब नेपाल) में 562 ई. पहले राजपरिवार में हुआ था. इनके पिता राजा शुद्धोधन थे, जो शाक्य वंश के वंशज थे. बोधि दिवस को बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है. क्योंकि इसी दिन सिद्धार्थ गौतम को परम ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे राजकुमार सिद्धार्थ गौतम से महात्मा बुद्ध बन गए. जिसके बाद उन्होंने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की.

बोधि दिवस का इतिहास (Bodhi Day 2023 History):सिद्धार्थ गौतम जब बड़े हुए, तो एक बार राज्य दौरे पर निकले. उन्होंने आसपास गरीबी व बीमारी देखी और इसी का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा. उनका मन राजकाज में नहीं लगा, जिसके बाद उन्होंने सभी सुखों का त्याग कर तप और समर्पण को अपनाया. एक दिन 29 साल के सिद्धार्थ गौतम चुपचाप रात में राजमहल छोड़कर सत्य और ज्ञान की खोज में निकल पड़े. उन्होंने 6 साल तक कठिन तपस्या किया और जीवन का अर्थ ढूंढने के लिए गहन आत्मनिरीक्षण किए, जिसके बाद अंत में बिहार के बोधगया में उन्हें बोधि वृक्ष के नीचे परम ज्ञान की प्राप्ति हुई. जिस वृक्ष के नीचे बैठकर सिद्धार्थ गौतम को परम ज्ञान की प्राप्ति हुई, उस वृक्ष को बोधि वृक्ष कहा गया. बोधि दिवस को बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है.

दुनियाभर में बोधि दिवस को बौद्ध धर्म के अनुयायी उत्साहपूर्वक मनाते है. बोधि दिवस के दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी सभी के लिए अच्छे कार्य करना, जीवन के महत्वपूर्ण पाठों को याद करना, जीवन का अर्थ खोजना और आध्यात्मिकता की नींव को मजबूत बनाने का संदेश लोगों को देते हैं.

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