रायपुर: खारून नदी के मुहाने पर ऐतिहासिक महादेव घाट में लंबे समय से नौकाएं (boat ride) चलाई जा रही है. कुछ समय पहले कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय की पहल पर यहां पर बोट रेस का भी आयोजन किया गया था. साथ ही यहां पुराने नावों को आकर्षक ढंग से सजाकर यहां आने वाले पर्यटकों को लुभाने की कोशिश की जा रही है. निसंदेह यह प्रयास काबिले तारीफ है.
इसके चलते रायपुर को मनोरंजन का एक नया केंद्र बनाया जा रहा है. लेकिन इन नौकाओं को चलाने के दौरान क्या पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है. कहीं उत्साह में कोई चूक तो नहीं रह गई है. इन्हीं सब की पड़ताल करने के लिए आज ईटीवी भारत महादेव घाट पहुंचा है. यहां हम नौका की सवारी करते हुए संचालित नौकाओं का मुआयना करेंगे, साथ ही यह भी जानेगें कि यहां पर्यटकों की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं.
बिना सुरक्षा के महादेव घाट पर हो रहा नौकायन? नहीं है सुरक्षा के इंतजाम- पर्यटक
पर्यटक गणेश यादव ने बताया कि यहां सुरक्षा के लिए गोताखोरों को तैनात कराया जाना चाहिए. उन्हें लाइव जैकेट के साथ पर्यटकों की सुरक्षा के लिए होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां टिकिट की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि भीड़ भाड़ हो ना सके.
खारुन नदी के तट पर नौका विहार के लिए आए कुछ स्थानीय लोगों से हमने बात की तो उन्होंने भी माना कि इस दौरान कभी भी कोई घटना या दुर्घटना घट सकती है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किसी तरह के बेरिकेड्स या फिर टिकट काउंटर और गोताखोरों की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण नौका विहार के दौरान कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. ऐसे में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए.
नाविक शेष नारायण धीवर ने कहा कि हमें लगभग 40 साल हो गया है नाव का संचालन करते करते. इसी रोजगार से हमारे परिवार का पालन होता है. उन्होंने कहा कि नाव से पेट भरने वाले कुल यहां 60 परिवार है.
सुरक्षा के बेसिक उपकरण ही गायब
महादेव घाट में 60 से ज्यादा नाव पर्यटकों को नदी विहार कराने के लिए मौजूद है. हमें बताया गया कि सभी नाविकों को लाइफ जैकेट दिया गया है. लेकिन पर्यटकों को घुमा रहे नावों की ओर देखा तो उसमें बैठे एक भी पर्यटक ने लाइफ जैकेट नहीं पहना था. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. जब हम महादेव की सीढ़ियां उतर रहे थे तो हमने देखा कि सीढ़ियां और नदी के बीच स्टापर नहीं बना है. जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. यह प्रशासन की बड़ी चूक साबित हो सकती है. हमें बताया गया है कि यहां पर हर रोज हजार से ज्यादा लोग भ्रमण करने पहुंचते हैं. इसके साथ ही नदी का जलस्तर भी बढ़ते घटते रहता है.
नाविक संघ के अध्यक्ष लोकनाथ धीवर ने कहा कि हमारे पास रोजगार का एक ही जरिए है नाव. यहां सरकारी छुट्टी, पर्व या त्यौहारों पर पर्यटकों की भीड़ होती है. उन्होंने कहा कि पहली बाद तो साफ है कि नाव पलटने वाली चीज नहीं है. क्योंकि हम लोग नाव के नीचे केमिकल लगाते हैं और नाव की मरम्मत करते हैं और हम पर्यटकों को आश्वासन देते हैं कि नाव पलटेगा नहीं.
नदी की गहराई को दर्शाने के लिए कोई मार्किंग नहीं है
महादेव घाट पर 60 से ज्यादा नाव संचालित है. लेकिन एक भी टिकट काउंटर मौजूद नहीं है. इसके चलते भी पर्यटकों को अपने नाव में बैठाने के लिए कई बार आपाधापी की स्थिति बन जाती है. कभी भी यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है.
विधायक कर रहे हैं सुरक्षा के इंतजाम की बात
कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय का कहना है कि बीते कई सालों से खारून नदी में नौका विहार के लिए पर्यटक आते हैं और नौका विहार का आनंद लेते हैं. विधायक ने कहा कि वहां सभी प्रकार की सुरक्षा है. उनका कहना है कि नाव चलाने वाले लोगों को लाइव जैकेट और ट्यूब दिया गया है. ताकि किसी हादसे को रोका जा सके.