रायपुर:छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शराबबंदी मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कांग्रेस के ही वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इस मुद्दे को हवा दी है. सत्यनारायण शर्मा का हाल ही में बयान आया है कि ''छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए शराबबंदी मुद्दा हो सकता है लेकिन जनता के लिए यह मुद्दा नहीं है. यदि भाजपा को लगता है कि यह मुद्दा है तो सर्वे करा लिया जाए.'' सत्यनारायण ने यह भी कहा कि जहां भाजपा की सरकार है, वहां शराबबंदी कर नहीं कर पा रहे हैं और छत्तीसगढ़ में इसे मुद्दा बना रहे हैं.
शराबबंदी पर कांग्रेस को घेरेगी भाजपा:सत्यनारायण शर्मा के बयान के बाद भाजपा भड़क गई. भाजपा महिला मोर्चा उपाध्यक्ष मिनी पांडे ने कहा कि ''आज प्रदेश में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है. शराब की वजह से प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं. शराब के कारण महिलाओं के साथ अपराध बढ़ रहा है. आज महिलाएं इसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशान हैं. वे छेड़छाड़ और घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं. यह आम जनता की समस्या है. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. आपने गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी की कसम खाई थी तो अब शराबबंदी क्यों नहीं कर रहे हैं? आपने गंगा मां की झूठी कसम खाई है. यह हमारी आस्था से जुड़ी हुई है.''
शराबबंदी को लेकर सरकार पर बरसे रमन सिंह:पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी शराबबंदी को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ''आप लोगों ने शराबबंदी का वादा किया था लेकिन शराबबंदी नहीं की गई. यही वजह है कि अब भाजपा गंगाजल के सम्मान में, भाजपा मैदान में, आंदोलन चलाने जा रही है. इसके जरिए सरकार को आईना दिखाने का प्रयास किया जाएगा.''
कांग्रेस का पलटवार:कांग्रेस ने भी भाजपा के आरोपों पर पलटवार किया है. कांग्रेस का कहना है कि शराबबंदी नोटबंदी की तर्ज पर रातो रात नहीं की जा सकती. सबकी रायशुमारी के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष फूलो देवी नेताम ने कहा कि ''इसके लिए समिति बनाई गई है. समिति में भाजपा ने अपने विधायकों का नाम नहीं दिया है. कोई भी नियम कानून सबकी सहमति से बनाया जाता है. अब चुनाव नजदीक आ रहा है. भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह शराबबंदी को मुद्दा बना रही है. इस मामले को लेकर सिर्फ भाजपा के द्वारा राजनीति की जा रही है.''
आखिर क्यों नहीं हो रही शराबबंदी:छत्तीसगढ़ में शराबबंदी ना होने के पीछे कई वजह है. प्रमुख वजह राजस्व की प्राप्ति और अचानक से शराब बंद होने से शराब पीने वालों पर पड़ने वाला असर है. यदि प्रदेश में शराबबंदी की जाती है तो इसका असर राज्य सरकार के खजाने पर भी पड़ेगा. शराब न मिलने की वजह से कई लोग बीमार परेशान हो सकते हैं. यहां तक कि कई लोग शराब के अभाव में अन्य दूसरे नशीले पदार्थों का सेवन कर अपने जीवन के साथ खिलवाड़ भी कर सकते हैं. यही वजह है कि प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सरकार पीछे हट रही है.