रायपुर: असम विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस संगठन स्तर पर काफी तैयारी कर रही है. इस चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के नेताओं को जिम्मेदारी दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार असम का दौरा कर रहे हैं. बघेल के अलावा विकास उपाध्याय और पीसीसी के संचार विभाग की टीम भी असम में सक्रिय है. इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
यह पहली बार देखा गया है कि प्रदेश के नेताओं को असम जैसे राज्य की जिम्मेदारी इस पैमाने पर सौंपी गई है. इससे पहले प्रदेश के नेता चाहे वे कांग्रेस से रहे हों या भाजपा से, ज्यादातर मौकों पर उन्हें मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, झारखंड या महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों या संगठन स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है. इस बार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के कई नेताओं को असम में सक्रिय किया है.
मुख्यमंत्री का बढ़ा कद
असम चुनाव के लिए कांग्रेस ने सीएम भूपेश को मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इससे पहले भी वे बिहार और मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर नजर आए थे. इस बार असम जैसे राज्य के लिए उन्हें एआईसीसी ने अहम जिम्मेदारी दी है. इससे कहीं न कहीं पार्टी के भीतर उनका कद बढ़ा है. उन्हें पार्टी में नए रणनीतिकार के तौर पर भी देखा जा रहा है.
भूपेश बघेल का मॉडल असम चुनाव में पार्टी को दिलाएगा जीत: रविंद्र चौबे
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने भूपेश बघेल को असम चुनाव के लिए मुख्य ऑबजर्वर बनाया है. निश्चित रूप से मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी बढ़ी है. विकास उपाध्याय को प्रभारी सचिव बनाया गया है. ट्रेनिंग का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में कांग्रेस कमेटी संचालित कर रही है. भूपेश बघेल का ही मॉडल था, जो 15 साल के बीजेपी के कुशासन से छत्तीसगढ़ को निजात मिली है. चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ मॉडल असम में भी अपनाया जाएगा. उन्हें विश्वास है कि वहां पर कांग्रेस की सरकार बनेगी.