छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

अधिकांश प्रदेशों में अभी बीजेपी की सरकार, आने वाले 5 सालों में कांग्रेस को देश में ढूंढना पड़ेगा : साय

छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव (State President of Chhattisgarh Bharatiya Janata Party Vishnu Dev Sai) साय महज 26 वर्ष की आयु में ही अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक चुन लिये गए थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की. आइये जानते हैं प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर क्या कहा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने.

BJP state president had a special conversation with ETV India
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

By

Published : Nov 18, 2021, 11:12 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 3:48 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश (State President of Chhattisgarh Bharatiya Janata Party Vishnu Dev Sai) अध्यक्ष विष्णु देव साय महज 26 वर्ष की आयु में ही अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक चुन लिये गए थे. इसके बाद ये चार बार सांसद रहे. मोदी मंत्रिमंडल में (Minister of State in Modi Cabinet) राज्यमंत्री भी रहे और तीन बार इन्हें पार्टी ने छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले विष्णु देव साय ने अपनी राजनीति की शुरुआत पंच और अपने गांव के सरपंच पद से की थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान साय ने कई अहम विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखी.....

FDFD
सवाल :विष्णुदेव साय जी आपके बारे में यह कहा जाता है कि आपके चाहने वाले आपकी सौम्यता, शांत स्वभाव को लेकर भी आपसे नाराजगी व्यक्त करते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि आप विरोधियों के उन विषयों को लेकर भी नाराज नहीं होते, जो विषय या बयान आप के समर्थकों को उचित नहीं लगते. इसे आपकी अच्छाई कहें या आपको लगता है कि इसमें सुधार की गुंजाइश है?
जवाब :स्वभाव नहीं बदला जा सकता, लेकिन इसकी वजह से कभी कोई काम रुका नहीं है. 26 साल की उम्र में विधायक बना. इसके पहले पंच और सरपंच रहा. दो बार विधायक रहा. चार बार सांसद. इस दौरान मोदी मंत्रिमंडल में भी रहने का अवसर मिला. उसके बाद तीन बार प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष रहा, लेकिन कभी भी मेरा स्वभाव इनमें बाधा नहीं बना.
सवाल :अब कुछ बातें राजनीति से हटकर करना चाहेंगे. आपसे कुछ ऐसी बातें बचपन की और पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर, जो आप हमें बताना चाहें?
जवाब :आजादी के पहले जशपुर राज में हमारे पुरखे बड़े मंत्री हुआ करते थे. 1947 में आजादी के बाद दादाजी मध्यप्रदेश विधानसभा में नॉमिनेटेड विधायक थे. तब से परिवार के लोग राजनीति से जुड़े रहे. परिवार के कई सदस्य विधायक रहे. 1990 में विधानसभा चुनाव के समय पार्टी नेताओं ने कहा कि मैं चुनाव लड़ने की मानसिकता बना लूं, तब मैंने उन्हें मना किया. बावजूद इसके तपकरा विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने मेरा नाम जूदेव जी के सामने रखा और जूदेव जी ने मेरा नाम विधानसभा प्रत्याशी के रूप में आगे बढ़ाया.

इस विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं मिल पाया था, तब उन्हें निर्दलीय लड़ना पड़ा. उनकी जमानत जब्त हुई. एक रोचक वाकया रायगढ़ में मेरे साथ हुआ. जब चुनाव के पहले मैं कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचा. यहां पर मेरा जूता चोरी हो गया. इस सम्मेलन में जूदेव जी और लखीराम अग्रवाल जी भी मौजूद थे, तब इस बात की जानकारी लखीराम जी को हुई. तभी उन्होंने मुझे आश्वस्त कर दिया था कि मैं चुनाव जीत रहा हूं. उनका मानना था कि जूता चोरी होना शुभ संकेत है.

सवाल :विपक्ष में आपकी भूमिका तेज तर्रार नेता की तरह हो, क्या लोग ऐसी सलाह देते हैं ?
जवाब :जी हां... बिल्कुल कई बार इस बात को लेकर मेरे चाहने वाले नाराज भी होते हैं. उनका कहना रहता है कि मैं जरूरत से ज्यादा सीधा हूं, लेकिन मेरा मानना है कि हम राजनीति में कोई कुश्ती लड़ने या उठापटक करने नहीं आए हैं. हम अपनी बात सहजता से भी रख सकते हैं.

सवाल :धान की खरीदी सरकार 1 दिसंबर से करने वाली है. क्या आपको लगता है कि एक महीना देरी होने की वजह से किसानों को कोई नुकसान हुआ है?
जवाब :किसानों के साथ अन्याय कर रही है सरकार. गांव में गोडाउन नहीं होता. ऐसे में धान खुले मैदान में ही पड़े हुए हैं. धमतरी दौरे के दौरान मैंने देखा कि खेतों में धान सड़ रहे हैं. बारिश से भीगे हुए धान को किसान सड़क पर सुखाने के लिए मजबूर हैं. अगर एक माह पहले ही धान खरीदी हो जाती, तो किसानों को यह नुकसान न उठाना पड़ता.

सवाल :मुआवजे को लेकर सरकार पर कोई दबाव डालेंगे क्या?
जवाब :हम लगातार इस मामले को उठा रहे हैं और आगे भी इस मुद्दे को उठाते रहेंगे. सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए.

सवाल :धर्मांतरण बड़ा मुद्दा बना हुआ है प्रदेश में. संघ प्रमुख मोहन भागवत जी भी आने वाले हैं प्रदेश में. संघ को साथ में लेकर सत्ता को साधने की तैयारी में है क्या बीजेपी?
जवाब :धर्मांतरण प्रदेश में जोरों से चल रहा है. सैकड़ों शिकायतें थानों में दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. आज धर्मांतरण करने वालों के हौसले बुलंद हैं. देश के लिए भी धर्मांतरण एक बड़ा खतरा है.

सवाल :चुनाव में यह, पार्टी का बड़ा मुद्दा रहेगा क्या?
जवाब :बिल्कुल... कांग्रेस वोट बैंक बढ़ाने के लिए लालच देकर या दबाव पूर्वक धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. कवर्धा की घटना भी किसी के इशारे में बड़ी हुई. अल्पसंख्यकों की तुष्टीकरण के लिए इस सरकार द्वारा सब किया जा रहा है.

सवाल :संघ से क्या चुनाव को लेकर बातचीत हो रही है?
जवाब :संघ अपना काम कर रहा है. हम राजनीतिक पार्टी होने के चलते अपना काम करते हैं. देश के अधिकांश प्रदेशों में अभी बीजेपी की सरकार है. लोग पसंद करते हैं, तभी तो यह संभव हो पाया है. आने वाले 5 सालों में कांग्रेस को देश में ढूंढना पड़ेगा.

सवाल :राज्य सरकार द्वारा कर्ज लिये जाने का मामला भी आप सब जोर-शोर से उठा रहे हैं, क्या वजह है?
जवाब :डॉ रमन सिंह की सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में महज 37 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया. लेकिन कांग्रेस की इस सरकार ने 3 साल में ही 42 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है, लेकिन यह पैसा विकास कार्यों में कहीं दिखाई नहीं दे रहा. पुरानी सड़कों की भी मरम्मत यह सरकार नहीं करवा पा रही है.

सवाल :कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी को किस नजरिये से देखते हैं?
जवाब :यह योजना पूरी तरह फ्लॉप है. आज मवेशी रोड पर दिखते हैं, मर रहे हैं. इस योजना ने पंचायत के विकास पर भी रोक लगा दी है.

सवाल :मुख्यमंत्री का बयान है कि केंद्र की सरकार अहंकार में डूबी हुई है और केंद्रीय नेता मुलाकात का समय नहीं देते?
जवाब :यह कहना गलत है कि हमारे केंद्रीय मंत्री अहंकार में डूबे हुए हैं. बल्कि हमारे सभी मंत्री विनम्र हैं. प्रदेश की इस सरकार को खुद के गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि सैकड़ों किलोमीटर दूर से पैदल चलकर आने वाले आदिवासी भी इनसे क्यों नहीं मिल पाते. आखिर क्या वजह है कि राज्यपाल को उनसे मिलना पड़ता है.

सवाल :आदिवासी बहुल राज्य होने की वजह से यह कहा जाता है कि प्रदेश मैं आदिवासी मुख्यमंत्री होना चाहिए, आप क्या सोचते हैं?
जवाब :भारतीय जनता पार्टी जातिवाद की राजनीति नहीं करती. हमारी पार्टी ने कई प्रदेशों में आदिवासी नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया है. यह देश, काल और परिस्थिति पर निर्भर करेगा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए. हम सबकी पहले जिम्मेदारी यही है कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बने.

Last Updated : Nov 20, 2021, 3:48 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details