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TS Singhdev: टीएस सिंहदेव को लेकर साॅफ्ट रहती है भाजपा, जानें कब-कब पक्ष में दिया बयान

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सचिन पायलट के समर्थन में बयान दिया है. सिंहदेव के इस बयान से कांग्रेस में खलबली मच गई है. सचिन पायलट अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर रहते है, तो वही टीएस सिंहदेव भी कई बार अपनी ही सरकार से खफा नजर आते है. यही कारण रहा कि 16 जुलाई 2022 को सिंहदेव ने पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

TS Singhdev
टीएस सिंहदेव को लेकर साॅफ्ट रहती है भाजपा

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Published : Apr 11, 2023, 11:35 PM IST

रायपुर: टीएस सिंह देव के इस्तीफे के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी ने सिंहदेव के समर्थन में बयान दिया है. लगातार भाजपा अपने बयानों में टीएस सिंहदेव को लेकर सहानुभूति भी जताती रही है. पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद ऐसा लग रहा था कि सरकार मान मनव्वल कर सिंहदेव का इस्तीफा वापस करा लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सरकार ने अगले ही पल कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को पंचायत विभाग सौंप दिया. इसके बाद टीएस सिंहदेव के कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई. यहां तक कि सिंहदेव के भाजपा में शामिल होने की चर्चा होने लगी. टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस न छोड़ने का बयान देकर अटकलों पर विराम जरूर लगाया है, लेकिन राजनीति में कब किसका मिजाज बदल जाए कहा नहीं जा सकता.


ढाई ढाई साल के फॉर्मूले पर भाजपा ने कही थी ये बात: छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल सीएम के फार्मूले को लेकर जून 2021 को भाजपा विधायक दल ने कांग्रेस की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के लिए ढाई ढाई साल फार्मूले को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. भाजपा विधायकों ने कहा था कि कांग्रेस में सिंहदेव खेमे की घोर उपेक्षा भी राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में रही है. खुद सिंहदेव ने कई मौकों पर अपनी उपेक्षा का दर्द भी बयान किया है. भाजपा ने कहा था कि "सरकार के एक खेमे ने हर मौके पर सिंहदेव की उपेक्षा की. महत्वपूर्ण शासकीय निर्णयों में उन्हें दूर रखा."


भाजपा के दरवाजे सभी के लिए खुले:टीएस सिंहदेव के भाजपा में शामिल होने के सवालों पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि "भाजपा के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं, हम घर जाकर किसी को निमंत्रण नहीं देते. जो पार्टी में आना चाहता है उसका स्वागत है." इस बयान पर टीएस सिंहदेव ने कहा था कि "रमन सिंह मेरे बड़े भाई हैं. मेरी चिंता ना करें." हालांकि इस दौरान सिंहदेव में अपनी नई पार्टी बनाने से भी इंकार कर दिया था.

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पंचायत मंत्री पद छोड़ने पर भी कांग्रेस सरकरा से पूछे थे सवाल:सिंहदेव में पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साहनी कहा था कि "आखिर टीएस सिंहदेव को मंत्री पद से इस्तीफा क्यों देना पड़ा, यह बात मुख्यमंत्री को स्पष्ट करनी चाहिए कि ऐसी क्या स्थिति निर्मित हुई है." वहीं तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि "सिंहदेव ने इस्तीफा किन कारणों से दिया है यह सभी को पता है." बता दें कि लगातार भाजपा अपने बयानों में सिंहदेव के प्रति अपना नर्म रुख लेकर चल रही है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह टीएस सिंहदेव को अपने पाले में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.


'जीते जी भाजपा में नहीं जाऊंगा':राजनीतिक गलियारों में टीएस सिंहदेव के भाजपा में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तो होती ही रहती हैं. मार्च में सिंहदेव मां महामाया दरिमा विमानतल निरीक्षण करने पहुंचे थे, उस दौरान कहा था कि "कांग्रेस के साथ हमारा परिवार हर परिस्थिति में खड़ा रहा है. लेकिन कुछ दिनों से कांग्रेस का हाथ हमारे कंधे और सर पर जितना होना चाहिए वह महसूस नहीं हो रहा है." सिंहदेव ने बताया कि "मेरे समधी और मध्य प्रदेश के मंत्री से भाजपा में आने का न्योता मिला था, लेकिन जीते जी मैं भाजपा में नहीं जाऊंगा. मेरे भाई, भतीजे, बहू और परिवार की मैं गारंटी नहीं ले सकता."

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