रायपुर: छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त सहने वाली भाजपा अब संगठन स्तर पर खुद को मजबूत करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से संगठन चुनाव कराने जा रही है. आमतौर पर देखा गया है कि प्रदेश अध्यक्ष हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों ही सर्वसम्मति से मनोनीत होते आए हैं.
भाजपा में संगठन चुनाव की कवायद तेज भाजपा में सदस्यता अभियान के बाद संगठन चुनाव की कवायद तेज हो गई है. राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने छत्तीसगढ़ में संगठनात्मक चुनाव कराने के लिए प्रदेश निर्वाचन समिति का गठन किया है. इनमें प्रदेश चुनाव अधिकारी रामप्रताप सिंह और प्रदेश सह चुनाव अधिकारी विष्णुदेव साय को नियुक्त किया गया है. ये दोनों चुनाव अधिकारी मंडल और जिला चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे.
देश की सबसे बड़ी प्रजातांत्रिक पार्टी है भाजपा- धरमलाल कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि उपचुनाव को देखने के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं. प्रभारी वहां जाएंगे, बैठक लेंगे और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों ने मन बना लिया है और दोंनों उपचुनाव भाजपा जितेगी. उनका कहना है और पूरे देश में अगर कोई प्रजातांत्रिक पार्टी है तो वो भाजपा है. चुनाव के लिए सारे कार्यक्रम की व्यवस्था कर ली गई है. प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव दिसंबर में होगा.
प्रदेश संगठन की चुनाव की तारीख
- 1 सितंबर से संगठन की प्राथमिक समितियों (बूथ) के चुनाव
- 15 सिंतबर से 1 अक्टूबर तक मंडल के चुनाव
- 15 अक्टूबर से जिला समितियों के चुनाव होंगे.
कांग्रेस ने भाजपा की तैयारियों पर ली चुटकी
संगठन के चुनावों में कांग्रेस हमेशा आगे रही है. लिहाजा वह भाजपा की तैयारियों पर चुटकी ले रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी का कहना है कि अब जब पार्टी सरकार से बाहर हो गई है तो उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की याद आ रही है. उनका आरोप है कि भाजपा ने कभी भी अपने संगठन का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से नहीं कराया. सब कुछ ऊपर से ही तय कर लिया जाता था. इसके कारण भाजपा कर्यकर्ताओं में असंतोष है और इसको दबाने के लिए अब भाजपा लोकतंत्र का बहाना कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा अब कांग्रेस से सीख रही है.