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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आदिवासियों से मुलाकात नहीं करना उनका अपमान है: बृजमोहन अग्रवाल - Health Minister TS Singhdeo

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता ने कहा कि सीएम के पास आदिवासियों से मिलने का समय नहीं है.

Brijmohan Agarwal- Chief Minister Bhupesh Baghel
बृजमोहन अग्रवाल- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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Published : Oct 14, 2021, 6:05 PM IST

रायपुर: पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल (BJP MLA Brijmohan Agarwal) ने बस्तर और सरगुजा से पैदल चलकर आए आदिवासियों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के नहीं मिलने पर सीएम पर निशाना साधा है. बृजमोहन अग्रवाल (BJP MLA Brijmohan Agarwal) ने कहा है कि मुख्यमंत्री आदिवासियों और वनवासियों का अपमान कर रहे हैं. आदिवासी अपने हक की लड़ाई लड़ रहे लेकिन मुख्यमंत्री के पास इतना समय नहीं कि वह उनसे मिल सके.

बृजमोहन अग्रवाल

हक की लड़ाई लड़ रहे आदिवासी

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल (BJP MLA Brijmohan Agarwal) ने कहा कि प्रदेश प्रभारी पूनिया आते रहते हैं. उनका स्वागत है लेकिन प्रदेश प्रभारी पूनिया अगर आए हैं तो जरा यह स्थिति स्पष्ट करें जो छत्तीसगढ़ में अस्थिरता का माहौल हो गया है. पूरी तरीके से यहां का विकास अवरूद्ध हो गया है यहां के वनवासी बस्तर से 350 किलोमीटर से चलकर आते हैं. सरगुजा से 450 किलोमीटर से चलकर आते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के पास उनसे मिलने तक का समय नहीं है और आज तो यह स्थिति हो गई है कि छत्तीसगढ़ ऐसे लगता है भगवान भरोसे है. कभी 60 विधायक दिल्ली जाते हैं कभी 50 विधायक दिल्ली जाते हैं.

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बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (State in-charge PL Punia) से एक बात का आग्रह किया है कि छत्तीसगढ़ की स्थिरता के लिए वह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (Sonia Gandhi, Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi) को अवगत करवाएं. वहीं एक तरफ हसदेव अरण्य के आदिवासियों से स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) मिलकर आ जाते हैं, मुख्यमंत्री बोलते हैं मुझे कोई जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री के पास इंटेलिजेंस है अगर आदिवासी 450 किलोमीटर से चलकर आते हैं. 350 किलोमीटर से चलकर आते हैं तो उनसे मिलने के लिए मना करना उनसे नहीं मिलना यह छत्तीसगढ़ के वनवासियों और आदिवासियों का अपमान है. इसको छत्तीसगढ़ की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.

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