रायपुर : छत्तीसगढ़ में बड़े जोर शोर से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत हुई. खुद सीएम भूपेश बघेल ने पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए इन खेलों का प्रतिनिधित्व किया.लेकिन अब इसी खेल को लेकर राजनीति चरम पर है. ये राजनीति तब शुरु हुई जब एक कबड्डी खिलाड़ी ने मैच के दौरान दम तोड़ दिया. बीजेपी ने सरकार को इस मामले पर घेरा. स्वास्थ्य और सड़क ठीक नहीं होने का हवाला दिया. साथ ही साथ उचित मुआवजे की मांग की. बीजेपी की मांग के बाद सरकार ने मृतक के परिजनों को चार लाख की मुआवजा राशि प्रदान की.लेकिन इसके बाद भी इन खेलों को लेकर बीजेपी सरकार को घेर रही है. एक बार फिर बीजेपी प्रवक्ता ओपी चौधरी ने सरकार पर हमला बोला है.
बीजेपी नेता ओपी चौधरी का सीएम भूपेश पर हमला बीजेपी महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि ''सरकार की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण अब तक दो खिलाड़ियों की मौत हो गई है. सरकार की नजर में अपनी मौत के जिम्मेदार ये खिलाड़ी स्वयं है. क्योंकि सरकार जो खेल करवा रही है, उनमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों से इस सहमति के लिए घोषणापत्र भरवाया जा रहा है कि यदि कोई घटना दुर्घटना होती है तो वह स्वयं जिम्मेदार होंगे."
बिना सुरक्षा संसाधन के हो रहे हैं खेल :बीजेपी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी (BJP State General Secretary OP Chaudhary) ने कहा " बिना किसी सुविधा और बिना सुरक्षा साधनों के कराए जा रहे खेलों के दौरान सरकार का अमानवीय व्यवहार सामने आ चुका है. घरघोड़ा में युवा खिलाड़ी ठण्डाराम मालावार की जिंदगी का खेल कबड्डी खेलते खेलते इसलिए खत्म हो गया क्योंकि गंभीर हालत में उन्हें घरघोड़ा से रायगढ़ ले जाने में एम्बुलेंस को साढ़े चार घंटे का समय लगा.आदिवासी बहन शांति मंडावी जब खेल के दौरान कोंडागांव में घायल हुईं तो उसे रायपुर रेफर कर दिया गया. लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई. जब व्यवस्था हुई भी तो उसके पति से डीजल के नाम पर 6 हजार रुपये वसूले गए.आदिवासी बहन भी संवेदनहीन भूपेश बघेल सरकार की राजनीति की भेंट चढ़ गई."बीजेपी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा "छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपनी लापरवाही, अव्यवस्था और अंधेरगर्दी के लिए हताहत होने वाले युवाओं को ही जिम्मेदार मानकर संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी है. सरकार अब स्वास्थ्य सेवाएं देने, लोगों की जानमाल की रक्षा करने से भी पीछे हट रही है. सरकार की गलतियों के कारण अपनी जान गंवाने वाले युवा खिलाड़ियों की जिंदगी की कीमत इस सरकार ने सिर्फ 4 लाख रुपये तय की है. इससे अधिक बड़ी विडंबना छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए और क्या हो सकती है कि हमारे युवाओं की जिंदगी दांव पर लगाने वाली सरकार के मुखिया छत्तीसगढ़ प्रदेश के बाहर राजनीतिक कारणों से 50 -50 लाख का मुआवजा बांट आते हैं. उनके लिए यह बहुत आवश्यक होता है लेकिन जब छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ी उनकी ही राजनीति के शिकार हो रहे हैं, तब इन खिलाड़ियों की मौत पर महज 4 लाख की सहायता राशि दी जा रही है। यह घोर निंदनीय है."raipur latest news