रायपुर: भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. उन्होंने शराबबंदी समेत कई मुद्दों पर बघेल सरकार को घेरा. धर्म संसद और कालीचरण मामले में अजय चंद्राकर ने राज्य सरकार से धर्म संसद के आयोजकों का नाम सार्वजनिक करने की मांग की है.
सवाल- कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहेंगे क्या इसमें कोई राजनीतिक पहलू भी है?
जवाब- सबसे पहले सरकार को बताना चाहिए कि धर्म संसद के आयोजक कौन कौन थे ? दूसरी बात शब्द गलत हो सकते हैं संत कालीचरण महाराज के पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो है. अपने-अपने विचार प्रस्तुत करने के तरीके होते हैं. यदि भाजपा शासित राज्य में किसी के खिलाफ राजद्रोह लगता है, तो कांग्रेस का स्टैंड दूसरा होता है. वही कांग्रेस शासित राज्यों में इनका स्टैंड दूसरा होता है. कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी जिन कारणों से की गई उसमें राजद्रोह का मामला तो बनता ही नहीं .खुद गांधीजी राजद्रोह के मुकदमे का विरोध करते थे. गांधी जी की बात करने और उनके नाम से अभियान चलाने वाले कांग्रेसियों ने खुद गांधी जी को ठीक से नहीं पढ़ा है. अगर पढ़ते तो वह जानते कि गांधीजी के विचार क्या थे. इसलिए इस मामले में राजनीति नहीं बल्कि सिर्फ राजनीति करने के लिए यह काम किया गया है. सरकार की निरपेक्षता तो तब मानी जाएगी जब वह आयोजकों के नाम सार्वजनिक करके उनके खिलाफ कार्रवाई करे.
सवाल- ऐसा कहा जा रहा है कि आयोजक किसी पार्टी विशेष से नहीं जुड़े थे ?मंच में सभी दल के लोग थे और इसमें धार्मिक बातें ही होनी थी?
जवाब- नाम बताने में क्या हर्ज है की आयोजक कौन थे. इस मुद्दे में 8 घंटे बाद कांग्रेस नेताओं को होश आया. कांग्रेसियों ने आधी रात को थाने में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई. दिनभर वे क्या कर रहे थे.क्या वे सो रहे थे . उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुआ कहा कि ओडिशा का गांजा छत्तीसगढ़ में बहुत मात्रा में आ रहा है.
सवाल- प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस के दिल्ली में बैठे बड़े नेता मुख्यमंत्री और मंत्रियों से इस विषय में चर्चा कर रहे हैं.क्या आपको लगता है कांग्रेस के बड़े नेता इस विषय को लेकर काफी गंभीर है?
जवाब- छत्तीसगढ़ शासन की विश्वसनीयता ही नहीं है. हजार करोड़ से ज्यादा तो उन्होंने शराब पर सेस लगाकर वसूल लिए. सेस से वसूले गए रकम का कोरोना की रोकथाम में कितना खर्च किया है. यह सरकार, वह बताने को तैयार नहीं है. पिछली बार भी जब देश के सारे राज्यों ने रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं करवाने का फैसला लिया. तब भी मुख्यमंत्री बघेल ने हमारे यहां उसका आयोजन करवाया अभी युवा उत्सव कार्यक्रम है. उसके बाद जनवरी के आखिरी में इन्वेस्टर मीट के लिए रोड शो करने वाले हैं. ऐसे में कोरोना को लेकर इनकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. मैने यह जानने की भी कोशिश की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए राज्य से कितने सैंपल ओडिशा भेजे गए हैं. कोरोना के पैसे से प्रदेश के लैबों को क्या उन्नत बनाएंगे. हालांकि लैबों की हालत किसी से छुपी नहीं है. सरकार को यहां के जान-माल की चिंता नहीं है. रहा सवाल कोरोना के मुद्दे पर सोनिया गांधी द्धारा सीएम बघेल से पूछताछ का. तो वह पूछताछ कोरोना के बारे में की गई है, या ओमिक्रोन के बारे में यह स्पष्ट नहीं है. हो सकता है उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बातचीत की हो. उत्तर प्रदेश में सब व्यवस्था कैसी है ,व्यवस्था हुई कि नहीं उसके बारे में बातचीत हुई हो उसको कौन जान सकता है.
सवाल- सरकार ने शराबबंदी के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है. जिसमें आपकी पार्टी से भी विधायक का नाम मांगा गया है. क्या आपको लगता है कि शराबबंदी को लेकर सरकार गंभीर है?