रायपुर: किसानों की समस्या और वर्मी कंपोस्ट को लेने की बाध्यता समाप्त करने की मांग को लेकर भाजपा किसान मोर्चा ने आज रायपुर के मंडी का घेराव किया. किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि, "राज्य सरकार द्वारा विगत साढ़े 3 वर्षो से किसान विरोधी नीतियां चलाई जा रही है. प्रदेश में किसान अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर परेशान है. भूपेश सरकार किसानों को अमानत, घटिया रेत और मिट्टी मिली खाद लेने के लिए प्रति एकड़ 3 बोरी (90 किलो) 1000 रुपए क्विंटल में लेने के लिए बाध्यता कर किसानों को लूटने का काम कर रही है."
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राज्य सरकार किसान विरोधी:भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि,"राज्य सरकार द्वारा विगत साढ़े 3 वर्षो से किसान विरोधी नीतियां चलाई जा रही है. प्रदेश में किसान अपनी विभिन्न समस्याओं का लेकर परेशान है. हालत यह है कि सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों को यूरिया खाद 625 रुपये प्रति क्विंटल उपलब्ध करा रही है."
किसानों के हालात बद से बदतर:गौरीशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि, " प्रदेश के किसानों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. किसान आगामी सीजन में खेती कर पाने में असमर्थ हो सकते हैं. क्योंकि छत्तीसगढ़ की पहचान किसानों से है और आज प्रदेश में किसानों के हालात बद से बदतर है. अमानक वर्मी कंपोस्ट खाद की बाध्यता से प्रदेशभर के किसानों की गाढ़ी कमाई गोबर के साथ मिट्टी में मिल जाएगी. जिसमें किसानों के साथ 700 रुपए की डकैती राज्य सरकार द्वारा किया जाने वाला है. "
भाजपा किसान मोर्चा ने की भूपेश सरकार से मांग
- राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी गोबर खाद खरीदी की बाध्यता समाप्त करें.
- प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में राजीव गांधी नया योजना के अंतिम किस्त की राशि जारी हुई है. योजना के 30 फीसदी से 50 फीसदी तक की कटौती हुई है. करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है. इस अंतर की राशि को तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
- प्रदेश सरकार ने किसानों के धान खरीदने का वादा किया था जो कि छत्तीसगढ़ में रबी की फसल भी पर्याप्त मात्रा में होती है. पूरे प्रदेश में किसानों के रबी फसल की खरीदी 2500 प्रति क्विंटल में तत्काल प्रारंभ किया जाए.
- राज्य सरकार द्वारा सरकार बनने से पहले अपने घोषणापत्र में पूर्व सरकार की लंबित 2 वर्षों के धान बोनस देने का वादा किया था. लेकिन सरकार को आज साढ़े 3 वर्ष से अधिक हो गए हैं. बकाया बोनस की राशि तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
- राज्य सरकार प्रतिवर्ष गिरदावरी के नाम पर किसानों के रकबा में लगातार कटौती कर रही है. कहीं मेढ़ काटे जा रहे हैं. कई खेत ही कम कर दिया जा रहा है. जिससे पूरा प्रदेश के किसान आक्रोशित हैं. किसानों के संपूर्ण खेतिहर रखते का 15 क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी की जाए.