रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली दौरे से लौट आए हैं. जिस पर बीजेपी की बयानबाजी भी शुरू हो गई है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान से उनका कोई लेनादेना नहीं है. लेकिन नूरा कुश्ती जरूर चल रहा है. तभी तो कभी दिल्ली में नारे लगते हैं, तो कभी रायपुर में. भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास कहते हैं कि जिस हालत से अभी प्रदेश गुजर रहा है वो बिलकुल भी ठीक नहीं है. साथ ही उनका कहना है कि लगता है कि अभी इस मामले का पटाक्षेप होना बाकी है. भाजपा की इस पर पैनी नजर बनी हुई है.
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दिल्ली वापसी के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुनिया ने दिल्ली में बयान दे दिया है कि ढाई- ढाई साल का कोई फॉर्मूला नहीं है. उसके बाद इस पर कुछ बोलने के लिए नहीं बचता. उन्होंने ये भी कहा कि इसको लेकर हल्ला करने वालों की मंशा पूरी नहीं होगी.
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दिल्ली में क्या-क्या?
अचानक अपने जन्मदिन के दिन भूपेश बघेल दिल्ली रवाना हुए थे. अगले दिन राहुल गांधी, पीएल पुनिया के साथ हुई बैठक में उनके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौजूद थे. दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ की सियासी गलियारे में एक बार फिर ढाई- ढाई साल का फॉर्मूले की बात तैयारी लगी.
कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पिछले कुछ दिन से दिल्ली प्रवास पर बने हुए हैं और वे अब आलाकमान के सामने इस मुद्दे पर निर्णायक फैसला कराने की कोशिश कर रहे हैं. भूपेश बघेल के दौरे को इसी सियासी समीकरण के चस्मे से देखा जा रहा था हालांकि बैठक के बाद सभी नेताओं ने किसी तरह के नेतृत्व परिवर्तन की बात से इनकार किया है. विकास और छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज के संबंध में पूरी चर्चा होना बताया.