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महाधिवक्ता पद से कनक तिवारी के इस्तीफा पर सियासत तेज, बीजेपी ने सरकार पर लगाए ये आरोप

महाधिवक्ता विवाद पर बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में संवैधानिक अराजकता की स्थिति बन रही है. जब महाधिवक्ता कनक तिवारी ने ही लगातार कहा है कि वे इस्तीफा दिए ही नहीं है तो इस्तीफा मंजूर कैसे हो गया. वहीं दूसरी ओर उनके इस्तीफे के देने और मंजूर किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से कहा गया है कि इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है.

श्रीचंद सुंदरानी

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Published : Jun 2, 2019, 2:57 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता कनक तिवारी की जगह नए महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को बनाए जाने का आदेश तो जारी कर दिए गए हैं. लेकिन देर रात हुए इस आदेश के जारी के बाद अब सियासी बयानबाजी का दौर तेज है.

संवैधानिक अराजकता की स्थिति बन रही है

महाधिवक्ता विवाद पर बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में संवैधानिक अराजकता की स्थिति बन रही है. जब महाधिवक्ता कनक तिवारी ने ही लगातार कहा है कि वे इस्तीफा दिए ही नहीं है तो इस्तीफा मंजूर कैसे हो गया. वहीं दूसरी ओर उनके इस्तीफे के देने और मंजूर किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है.

सीएम के इस बयान के बाद आनन-फानन में देर रात सतीश चंद्र वर्मा को महाधिवक्ता बनाए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया. भाजपा का कहना है कि, कनक तिवारी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्य प्रदेश के जमाने से वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं, जो गांधीवादी विचारक है. उनकी पार्टी ने इतने वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ ही छल किया है. यदि उन्हें कुछ आपत्ति थी तो उनसे सीधे चर्चा करने के बाद ही निर्णय ले लेना था. लेकिन ऐसा करना इतने बड़े पद और वरिष्ठ अधिवक्ता कनक तिवारी का अपमान है.


वहीं महाधिवक्ता विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट किया कि, 'सरकार द्वारा संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.'

आपको बता दें कि शुक्रवार से ही इस मामले में सियासत गर्म है. एक और जहां अमित जोगी ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं, तो वहीं रमन सिंह ने ट्वीट कर इसे संवैधानिक संकट करार दिया है.

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