रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चीनी कंपनियों का छत्तीसगढ़ में जड़ें जमाने और इसके पीछे एक नेटवर्क के काम करने की बात कहीं. अमित जोगी ने देश के राष्ट्रीय दलों की चीनी कंपनियों के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाया.
जो चीनी कंपनी PLA के लिए जासूसी करती है उनके खिलाफ कोई जांच भारत में नहीं हो रही है. जबकि भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्ज ने चीन आर्मी से जुड़ी 7 कंपनियों को चिन्हित किया जो भारत में स्ट्रेटीजिक सेक्टर में सक्रिय हैं. अमेरीकी एजेंसी की ताजा रिपोर्ट में भी कहा गया कि भारत में व्यवसाय की आड़ में चीनी कंपनी जासूसी करती हैं. अमित जोगी का कहना है कि इन चीनी कंपनियों ने 2005 से अब तक अपने इंडियन पार्टनर्ज के माध्यम से 13 हजार करोड़ का चंदा दोनों राष्ट्रीय दलों को दिया है.
चीनी सेना के लिए जासूसी कर रही कंपनियों ने सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ राज्य में स्टील, सीमेंट और ऊर्जा के क्षेत्र में इनवेस्ट किया है. उनका गंभीर आरोप है कि 113 चीनी नागरिक छत्तीसगढ़ में वर्क पर्मिट वीजा पर जासूसी का काम कर रहे हैं.
अमित जोगी ने अपनी पीसी में कहा कि छत्तीसगढ़ में इस मेलजोल की शुरुआत 10 दिसंबर 2005 से हुई है जब मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बीजिंग की यात्रा की थी.
2011 में तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने चीनी कंपनी को कांकेर जिले में जोकि नक्सल प्रभावित इलाका है. वहां लोहे की खदान आवंटित की. उनका कहना हैं कि ये कंपनी नक्सलियों और पीएलए के बीच नेटवर्क का काम करती है. 2014 में नक्सलियों से मिले चीनी हथियार से इस बात की पुष्टि भी होती है.