रायपुर:छत्तीसगढ़ में कुल 1.89 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 94.77 लाख पुरुष तो 94.38 लाख महिलाएं हैं. सूबे के 14 जिले ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है. छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से आधे से ज्यादा पर महिलाएं निर्णायक भूमिका में हैं. 13 अप्रैल को जगदलपुर में भरोसे का सम्मेलन होने जा रहा है. महिलाओं के इस कार्यक्रम में भी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के जरिए कांग्रेस की निगाह महिला वोटरों पर ही होगी. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि, छत्तीसगढ़ बनने के बाद से किस किस पार्टी ने आधी आबादी को साधने के लिए कितनी महिलाओं को टिकट दिया और कितनों ने कामयाबी हासिल की.
राज्य गठन से लेकर अब तक 40 महिलाएं बन चुकी हैं विधायक:राज्य गठन के समय पहली विधानसभा में केवल छह महिला सदस्य थीं. दूसरी विधानसभा 2003 में भी छह महिला सदस्य थीं. तीसरे विधानसभा 2008 में 12 और चौथी विधानसभा 2013 में 10 महिला सदस्य रहीं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 13 सीटें, महिलाओं ने जीती. इसके बाद हुए दो उप चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. जिसमें महिला उम्मीदार जीतीं. उसके बाद एक और सीट पर कांग्रेस की महिला उम्मीदवार जीतीं. इस तरह साल 2003 से लेकर अब तक हुए विधानसभा चुनाव में कुल 40 महिला विधायक सूबे में चुनी जा चुकी हैं.
बीजेपी ने 14 तो, कांग्रेस ने 13 महिलाओं को दिया था टिकट:वर्तमान में प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 16 सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटें महिलाओं ने जीतीं थी. विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने 14 तो कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था. महज 3 विधानसभा सीटों तखतपुर, सिहावा और सारंगढ़ में ही महिलाओं का मुकाबला, महिला उम्मीदवारों से था.