BJP accuses CM Bhupesh : महादेव सट्टा एप पर बीजेपी ने सीएम भूपेश को घेरा, कांग्रेस बोली ईडी कब बीजेपी नेताओं पर करेगी कार्रवाई, रायपुर से कोंडागांव तक गरमाई सियासत
BJP accuses CM Bhupesh बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में सीएम भूपेश पर हमला किया है. बृजमोहन ने सीएम भूपेश के दिल्ली में लिए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए. साथ ही आरोप लगाया कि इस ऑनलाइन सट्टा केस में कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी शामिल है. इसलिए भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय कार्यालय में जाकर ईडी और केंद्र पर आरोप लगाएं.उस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल से सात सवाल भी पूछे हैं. कोंडागांव में भी संतोष बाफना ने बघेल सरकार पर हमला किया है.वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. Mahadev Satta app
रायपुर/कोंडागांव : छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप से जुड़े लोगों के खिलाफ ईडी कार्रवाई कर रही है.सीएम भूपेश बघेल के जन्मदिन वाले दिन ईडी ने सीएम के करीबियों के घर पर छापा मारा.इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने हंगामा किया.सीएम भूपेश बघेल ने दिल्ली AICC दफ्तर में इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और केंद्र सरकार पर सरकारी एजेंसियों की मदद से कांग्रेस को परेशान करने का आरोप लगाया.लेकिन सीएम भूपेश के आरोपों पर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार किया है.बृजमोहन ने राज्य की कांग्रेस सरकार और महादेव एप से जुड़े लोगों के बीच सांठ-गांठ की बात कही है.
मनी लॉन्ड्रिंग का केस ईडी को क्यों नहीं सौंपा ? : बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश के इतिहास में सबसे भ्रष्टतम सरकार भूपेश की कांग्रेस सरकार है. महादेव एप के खिलाफ विशाखापट्टनम में पहली एफआईआर हुई. जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है.लिहाजा केस ईडी को सौंपा गया.ईडी के पास केस जाते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया.इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई.लेकिन सवाल ये है कि जब विशाखापट्टनम की पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ईडी को सौंपा तो छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया.आपको बता दें कि विशाखापट्टनम पुलिस ने इस मामले में हजारों करोड़ रुपए के लेनदेन का खुलासा किया था.लिहाजा आईपीसी की धारा के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच राज्य पुलिस नहीं कर सकती.इसलिए जांच केंद्रीय एजेंसी ईडी के पास गई.लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हुआ.
ईडी की जांच के दौरान गुंडागर्दी का आरोप :बृजमोहन के मुताबिक आंध्रप्रदेश में भी इसी मामले में ईडी ने कार्रवाई की,लेकिन वहां के मुख्यमंत्री ने हल्ला नहीं मचाया.यदि सीएम पाक साफ होते तो ईडी की कार्रवाई का स्वागत करते. बल्कि केंद्रीय एजेंसी को धन्यवाद भी देते कि छत्तीसगढ़ को इस बेदर्दी से लूटने वालों पर कार्रवाई कर रही है.जबकि उलटे ईडी के खिलाफ ना केवल रायपुर और दिल्ली तक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जा रहा है.बल्कि जांच के दौरान अधिकारियों के साथ गुंडागर्दी की जा रही है. भिलाई में गुंडागर्दी करके ईडी की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई.सीएम भूपेश को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
''हम स्पष्ट आरोप लगाना चाहते हैं कि ईडी ने पहले कोयले का भ्रष्टाचार साबित किया.इसके बाद शराब और डीएमएफ का भ्रष्टाचार साबित हुआ.इन सब भ्रष्टाचार के बाद भी मुख्यमंत्री के गिरेबान तक ईडी पहुंची है.और महादेव एप तो अति हो गई. अब उस एप में छत्तीसगढ़ के गरीब नौजवान,गरीब मजदूर,गरीब जनता,भोले भाले युवाओं को लूटने के काम में जब ईडी ने जांच की. उसके बाद जब मुख्यमंत्री के नजदीकी लोगों के गिरेबान तक ईडी पहुंची है.तो मुख्यमंत्री की बौखलाहट दिल्ली के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई देती है.'' बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री, छत्तीसगढ़
अपराधियों से वसूली करने में लगे थे अधिकारी :विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाए कि जो काम कांग्रेस की स्थानीय सरकार को करना चाहिए था.जिस ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अभियान चलाना चाहिए था. उसके उलट ईडी के प्रेस रिलीज में आरोप है कि शासन के उच्च स्तरीय लोग अपराधियों से वसूली में लगे थे और संरक्षण दे रहे थे. जब-जब सट्टेबाजों के खिलाफ आवाज उठाई जाती थी तो रसूखदारों के कमीशन का रेट बढ़ जाता था.
बृजमोहन की माने तो ईडी की अब तक की जांच के मुताबिक सट्टे का यह नेटवर्क हजारों करोड़ रूपये का है.सट्टेबाजों के हौसले इतने बुलंद थे कि बकायदा पूरे-पूरे पेज का विज्ञापन जारी कर ये अपने यूजर बढ़ा रहे थे. एक तरह से प्रदेश और शासन को मुंह चिढ़ा रहे थे. प्रदेश के युवाओं की गाढ़ी कमाई विदेशों में भेजी जा रही थी. अपराधियों पर कार्रवाई के बजाए शासन-प्रशासन से जुड़े लोग कमीशन खाने में व्यस्त थे.छत्तीसगढ़ के गरीब और भोले भाले युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लगाकर इस बेदर्दी से संस्थागत लूट की जितनी निंदा की जाय वो कम है."
सीएम भूपेश से मांगा इस्तीफा,पूछे सात सवाल :बृजमोहन अग्रवाल के मुताबिक वर्तमान में महादेव एप और इसके सहयोगी रेड्डी अन्ना के 50 लाख यूजर्स अनुमानित हैं. इन यूजर्स के माध्यम से इस गिरोह के सरगना करीब एक हजार करोड़ से भी अधिक धन विदेश भेज रहे हैं.इस काम में गिरोह ने तकरीबन 20 हजार कॉर्पोरेट, करंट, सेविंग बैंक खातों और तकरीबन 250 से ज्यादा सेल कंपनियों का इस्तेमाल किया है. भूपेश बघेल ने इतने बड़े पैमाने पर हो रही इस लूट पर समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया.अगर उनमें जरा भी नैतिकता है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.बृजमोहन अग्रवाल ने सट्टे के इस पूरे कारोबार में कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से सात सवाल पूछे हैं.
महादेव एप के संदिग्धों को बचाने की कोशिश कांग्रेस क्यों कर रही है?
महादेव एप, मुख्यमंत्री और दुर्ग-भिलाई से क्या संबंध है?
महादेव एप पर कार्रवाई से मुख्यमंत्री बौखला क्यों रहे हैं?
कांग्रेस जहां-जहां है वहां सट्टा क्यों है?
गली-गली, गावं-गांव में पुलिस के संरक्षण में और सरकार के देखरेख में सट्टेबाजी क्यों हो रही है?
गृहमंत्री सिर्फ चुनिंदा सट्टेबाजों की सूची पुलिस को क्यों दे रही है?
डीजीपी द्वारा एसपी को सट्टेबाजों की दी गई सूची पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
बृजमोहन ने इन सवालों के साथ सरकार से ये भी पूछा है कि गृहमंत्री ने सट्टेबाजों की सूची पुलिस को सौंपी है.तो क्या गृहमंत्री ने इस मामले की खुद ही जांच कर ली है और सूची पुलिस को दी है.बृजमोहन ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से सूची का सोर्स पूछा है.साथ ही साथ डीजीपी की सूची का भी जिक्र किया है.बृजमोहन का आरोप है कि ये उन लोगों की सूची है जो महादेव एप से जुड़े हैं,लेकिन कमीशन नहीं दे रहे थे.इसलिए कार्रवाई करने के लिए इन लोगों को चुना गया है.
कोंडागांव में भी गूंजा महादेव सट्टा एप का मामला :इधर कोंडागांव में भी बीजेपी नेता संतोष बाफना ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला. संतोष बाफना की माने तो "एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयानों में बड़ा खुलासा किया है. वह मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए प्रोटेक्शन मनी के रूप में देता है. ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में ये भी लिखा कि एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों को 65 लाख रुपए महीने ऐप संचालकों की तरफ से रिश्वत के रूप में दिए जा रहे थे. ऐसी स्थिति में इनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों को कितना पैसा मिलता होगा इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन नहीं है."
महादेव सट्टा एप पर कोंडागांव में सियासत
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार : कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. सुशील आनंद शुक्ला के मुताबिक ईडी पहले कोल माइनिंग, आबकारी फिर डीएमएफ, चावल, अब जल जीवन मिशन को लेकर कार्रवाई की बातें सामने आ रही है. पूरे देश में किसी एक राज्य सरकार के खिलाफ इतने सारे विभागों पर कार्रवाई यह बताने और समझने के लिये पर्याप्त है कि छत्तीसगढ़ में ईडी भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति में लगी हुई है. ईडी जब एक विभाग में गड़बड़ी नहीं खोज पाती तो दूसरे में लग जाती है. ईडी की कार्रवाई के बाद भाजपा नेताओं की बयानबाजी भी यह साबित करती है कि ईडी की पटकथा को भाजपा नेता मिट्ठू की भांति पढ़ते हैं.इस दौरान सुशील आनंद शुक्ला ने पूर्व सीएम रमन सिंह पर भी हमला बोला.
''छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है. इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में मुख्य अभियुक्त ने नार्को टेस्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और आधा दर्जन मंत्रियों को करोड़ों रूपए देना स्वीकार किया था. ईडी इसकी जांच कब करेगी? 36000 करोड़ का नान घोटाला और 6200 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन सिंह सरकार का वह घोटाला है. जिसमें सीधे आम आदमी के साथ लूट की गई है.पनामा पेपर मामले में अभिषाक सिंह की जांच कब होगी? रमन सिंह तो स्वयं को ईडी का प्रवक्ता भी घोषित कर चुके हैं. ऐसे में उन्हें स्वयं सामने आकर ईडी से जांच की मांग का समर्थन करना चाहिए.'' सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि ईडी, आईटी और भाजपा का जो नापाक गठबंधन देशभर में दिख रहा, लोग जानना चाहते है ये रिश्ता क्या कहलाता है? 8 सालों में 6000 छापे मारने वाली ईडी सिर्फ 23 मामलों में ही सबूत दे पाई है. मतलब ईडी सिर्फ भाजपा के विरोधियों की छवि खराब करने का काम कर रही है.