रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल से आने वाले कद्दावर नेता शहीद महेंद्र कर्मा जीवन के संघर्षों के आधारित बायोपिक (Biopic to be made on Mahendra Karma ) फ़िल्म बनने जा रही है. सोमवार रायपुर के निजी होटल पर फ़िल्म का अनाउंसमेंट किया. इस दौरान फ़िल्म के प्रोड्यूसर जितेंद्र साहू, फ़िल्म लेखक कुणाल शुक्ला और प्रीति उपाध्याय, फ़िल्म के गीतकार मीर अली मीर समेत फ़िल्म निर्माता टीम मौजूद रही. बता दें कि बस्तर टाइगर द मिस्ट्री ऑफ़ झीरम फिल्म हिंदी और छत्तीसगढ़ी दो भाषाओं में बनने जा रही है. ईटीवी भारत ने फ़िल्म के लेखक और प्रोड्यूसर से खास बातचीत की....
स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा के जीवन पर बनेगी बायोपिक - Film on Mahendra Karma in Hindi and Chhattisgarhi
कांग्रेस के कद्दावर नेता और बस्तर टाइगर नाम से मशहूर स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के जीवन पर फिल्म (Biopic to be made on Mahendra Karma ) बनने जा रही है.
यह भी पढ़ें:भोजपुरी एक्ट्रेस काजल राघवानी को भाया छॉलीवुड, छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनय को लेकर हैं खुश
सवाल: शहीद महेंद्र कर्मा के जीवन पर फिल्म बनने जा रही है किस तरह की फिल्में और आप भी किस तरह के रिसर्च की है ?
जवाब: 25 मई 2013 को झीरम घाटी के नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा (Jhiram kand mahendra karma) शहीद हुए थे. 19 शहीद हुए लगभग 9 साल बीत गए है. उनके जीवन पर रिसर्च करना चुनौती पूर्ण कार्य था. इस रिसर्च में महेंद्र कर्मा के परिवार ने सहयोग किया. खास तौर पर उनकी पत्नी देवती कर्मा का धन्यवाद जिन्होंने अपने जीवन के कई अनछुए पहलुओं को हमे बताया. कई दस्तावेज हमें दिखाए . उसके आधार पर यह लेखन सफल हुआ. अब यह फ़िल्म बनने जा रही है।।
सवाल: रिसर्च करने में आपको कितना वक्त लगा ?
जवाब: कुणाल शुक्ला ने बताया कि लगभग 1 साल से रिसर्च वर्क में लगे है. फ़िल्म के प्रोड्यूसर जितेंद्र साहू को भी मैं धन्यवाद देना चाहूंगा. जिन्होंने ऐसे गम्भीर विषय को चुना. देश में बहुत कम ही बायोपिक बनती है. उन्होंने बहुत अच्छा विषय चुना है. महेंद्र कर्मा का व्यक्तित्व देश और दुनिया के सामने आना चाहिए.
सवाल: कब से फ़िल्म तैयार होगी ?
जवाब: फ़िल्म के प्रोड्यूसर जितेंद्र साहू ने बताया कि जल्द ही इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू की जाएगी. जो रिसर्च पेपर तैयार किया गया है, वही बहुत ही पसंद आया. महेंद्र कर्मा जिस क्षेत्र से आते हैं मैं भी उन्हीं क्षेत्र से आता हूं. हमारे क्षेत्र में इतने महान होता है. जिन्होंने हमारी संस्कृति के लिए भी बहुत काम किया. बस्तर विधानसभा को दबा कुचला माना जाता है. ऐसी जगह से निकलकर एक आदिवासी इतने बड़े नेता हुए जिन्हें पूरी दुनिया जानती है. मुझे लगा कि उनके जीवन के संघर्ष को लोगों तक पहुचना चाहिए. इस उद्देश्य से यह फ़िल्म बनाई जा रही है.
सवाल: महेंद्र कर्मा के जीवन में नक्सलों के खिलाफ सलवा जुडूम अभियान में महत्वपूर्ण योगदान रहा किस तरह का चीजे फ़िल्म में दिखाई जाएगी?
जवाब:अभी तक जितने भी पब्लिकेशन महेंद्र कर्मा के जीवन और सलवा जुडूम अभियान से संबंधित मिलेंगी. इसका एक नेगेटिव परसेप्शन बनाया हुआ है जबकि महेंद्र कर्मा की जो सलवा जुडूम को लेकर परिकल्पना थी वह थी नक्सलियों का सफाया. वे लोकतंत्र के समर्थक थे. इस फिल्म में आपको महेंद्र कर्मा के विचार देखने को मिलेंगे. बस्तर की परिकल्पना वे किस तरह से करते थे. इस बारे में आपको फ़िल्म में जानकारी मिलेगी.
सवाल: फिल्म कहां से होगी और कौन से आर्टिस्ट को लिया जा रहा है?
जवाब: फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ में ही होगी. इसके अलावा बस्तर के अलग-अलग लोकेशन पर फ़िल्म शूट होगी. ज्यादातर कलाकार छत्तीसगढ़ के भी शामिल होंगे. वहीं महेंद्र कर्मा के किरदार को लेकर अभी कई बड़े आर्टिस्ट से चर्चा हो रही है. जल्द ही उनका नाम फाइनल किया जाएगा.
सवाल:आपने सलवा जुडूम को लेकर बताया देश मे उसका नेगेटिव परसेप्शन बना हुआ है ,आप इसे पॉजिटिव कैसे दिखाएंगे?
जवाब:नक्सल के विरोध में जन जागरूकता अभियान 1991 से चलाया जा रहा था, इस बारे में कुछ जरूरी नहीं होता जितने भी किताबें देखेंगे सभी अंग्रेजी में मिलेंगे और ज्यादातर किताबों में सलवा जुडूम को नेगेटिव बताया गया है. महेंद्र कर्मा की बायोपिक बनने जा रही है और इसे लेकर उनका क्या विचार था. नक्सलियों को उनसे क्या खतरा था. झीरम घाटी कांड में भी नक्सलियों द्वारा प्रेस नोट जारी करके यह कहा गया था कि महेंद्र कर्मा उनके मुख्य टारगेट थे.आखिर नक्सली बस्तर टाइगर से क्यों भयभीत थे. यह इस फ़िल्म में दिखाया जाएगा.