रायपुर :अब छत्तीसगढ़के बच्चेभारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले (Biography of Savitri Bai Phule in Chhattisgarh School education Syllabus) की संघर्ष की गाथा और जीवनी पढ़ सकेंगे. स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही सावित्री बाई फुले की जीवनी सिलेबस में शामिल करने की तैयारी कर रहा है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इसे लागू किया जाएगा. इसे लेकर एससीईआरटी सावित्री बाई फुले के जीवन और संघर्ष की कहानी जुटाने में लगा हुआ है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों के लिए देश की पहली महिला शिक्षक व समाज सुधारक सावित्री बाई फुले की जीवनी पाठ्यपुस्तक में शामिल करने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिये थे.
छत्तीसगढ़ के बच्चे पढ़ेंगे सावित्री बाई फुले की संघर्ष गाथा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए कौन-सा कंटेंट, बैठक के बाद फैसला
एससीईआरटी ने सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित कंटेंट तैयार कर लिये हैं. कौन-से कंटेंट सिलेबस में शामिल किये जाएंगे, इसको लेकर आज शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक है. इसके बाद ही तय हो सकेगा कि उनके जीवन पर आधारित कौन-से कंटेंट पाठ्यक्रम में शामिल किये जाएंगे. यह भी तय किया जाएगा कि क्या पांचवीं के छात्रों के सिलेबस में इस कंटेंट को शामिल किया जाएगा या आठवीं कक्षा के सिलेबस में.
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छत्तीसगढ़ की 36 विभूतियों को करीब से जान सकेंगे बच्चे
एससीईआरटी के संयुक्त संचालक डॉ योगेश शिवहरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कई महान विभूतियां रही हैं. उन सबने समर्पण के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है. चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हों. महिला जागरूकता या बाल विवाह रोकने वाले हों या साहित्य-शिक्षा के क्षेत्र से. ऐसी विभूतियों की जानकारी हम छत्तीसगढ़ के बच्चों को देना चाहते हैं. इसके प्रथम चरण में हमने छत्तीसगढ़ की विभूतियां नाम की एक सहायक पुस्तिका तैयार की है. उसमें सभी 36 महान विभूतियों को शामिल किया गया है. महाविद्यालयों के बच्चे इसे अपनी पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ सहायक पुस्तक के रूप में पढ़ेंगे.
सीएम भूपेश बघेल ने की थी घोषणा
एससीईआरटी के संयुक्त संचालक डॉ योगेश शिवहरे ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि सावित्री बाई फुले समाज सुधारक हैं. उनकी जीवनी और उनके संघर्ष की कहानियों को पाठ्यपुस्तक में शामिल किया जाए. उनकी घोषणा के परिपालन में माध्यमिक कक्षाओं के पाठ में उनकी जीवनी शामिल की जाए. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
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इन 36 विभूतियों के नाम भी शामिल
एससीईआरटी ने छत्तीसगढ़ की विभूतियां नाम से सहायक पुस्तक तैयार की है. इस पुस्तक में 36 विभूतियों के नाम शामिल हैं. उनमें गुरु घासीदास, क्रांतिवीर नारायण सिंह, शहीद गैंदसिंह, हीरालाल काव्योपाध्याय, तुलाराम जी परगनिहा, माधव राव सप्रे, वामन राव लाखे, वीर गुंडाधूर, राधाबाई, दाऊ कल्याण सिंह, रविशंकर शुक्ल, सुंदरलाल शर्मा, घनश्याम सिंह गुप्ता, लोचन प्रसाद पांडे, बैरिस्टर छेदीलाल, छोटेलाल श्रीवास्तव, राघवेंद्र राव, प्यारे लाल सिंह, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, मुकुटधर पांडे, डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र, डॉ खूबचंद बघेल, राजा चक्रधर सिंह, संत गहिरा गुरु, दाऊ मंदराजी, मिनीमाता, राजमोहिनी देवी, रामचंद्र देशमुख, गजानन माधव मुक्तिबोध, रामप्रसाद पोटाई, चंदूलाल चंद्राकर, हबीब तनवीर, झाड़ू राम देवांगन, स्वामी आत्मानंद, डॉक्टर नरेंद्र देव वर्मा और पवन दीवान के नाम हैं.
जानिये कौन हैं सावित्री बाई फुले
सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षक और समाजसेविका मानी जाती हैं. महाराष्ट्र के सतारा जिले के नया गांव में 3 जनवरी 1831 को उनका जन्म हुआ था. वह देश की पहली महिला शिक्षक के साथ-साथ भारत की पहली बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल भी थीं. उन्होंने पहले किसान स्कूल की स्थापना की थी. महज 9 साल की उम्र में ही सावित्रीबाई फुले की शादी हो गई थी. उन्होंने दलितों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया था. सावित्री बाई फुले ने 10 मार्च 1897 को दुनिया को अलविदा कहा था.