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Bhupesh Government focus on rural industry policy: छत्तीसगढ़ में ग्रामीण उद्योग नीति पर सरकार का फोकस, गांवों में रोजगार पर जोर

Rural Industry Policy in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गांवों को स्वावलंबी बनाने में कांग्रेस सरकार ने नरवा गरवा घुरुवा बाड़ी के तहत योजनाएं लाई. जिसके बूते छत्तीसगढ़ के गांवों में गौठान की परिकल्पना की गई. इन गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों के जरिए अलग अलग तरह की मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स डाली गई. जिससे गांवों में स्वरोजगार बढ़ा. सीएम भूपेश बघेल ने अब गांवों में रोजगार बढ़ाने के लिए ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की बात कही है.

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छत्तीसगढ़ में ग्रामीण उद्योग नीति पर सरकार का फोकस

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Published : Feb 6, 2023, 4:50 PM IST

रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए नई उद्योग नीति की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''गौठान से जुड़े रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अधिकतर जगहों पर क्रियाशील हो रहे हैं. अब यह पूर्णरूप से कार्य करें. उसके पहले हमें ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की दिशा में काम करना होगा. इसके लिए संबंधित विभाग जल्द प्रक्रिया पूर्ण करें. जिससे जब पूर्ण रूप से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क काम करना शुरू करेंगे तो इनसे जुड़े हितग्राहियों को बैंक से ऋण लेना और दूसरे व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके.''

गोबर से बिजली उत्पादन को बताया उपलब्धि : मुख्यमंत्री ने पशुपालकों सहित गौठान से जुड़े महिला समूहों को बधाई देते हुए कहा कि ''यह बहुत अच्छी बात है कि लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं. 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रुपए हो जाएगा. गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रुपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रुपए हो जाएगा.'' उन्होंने गोबर से बिजली उत्पादन के लिए शुरू की गई बिजली यूनिट पर खुशी जाहिर करते हुए इन यूनिटों से उत्पादित बिजली को पॉवर ग्रिड से जोड़ने और बिजली की कीमत तय करने के निर्देश दिए.

कितने गौठान बने स्वावलंबी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''यह गर्व की बात है कि राज्य में अब तक 4927 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं. जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर खरीदने लगे हैं. अभी तक जो गौठान समूह दीया, वर्मी कम्पोस्ट बना रहे थे. अब वे बिजली उत्पादन कर रहे हैं. पिछले दिनों जो बिजली उत्पादन के लिए एमओयू किए गए थे, उनमें बेमेतरा और बस्तर की यूनिट जमीनी स्तर पर मूर्त रूप ले चुकी है.अब इस उत्पादित बिजली को पावर ग्रिड से जोड़ने और इससे उत्पादित बिजली की कीमत तय करने का काम जल्द पूरा करें.''

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गोबर से पेंट बनाने की समीक्षा : मुख्यमंत्री ने गोबर से पेंट बनाने की इकाई की समीक्षा करते हुए कहा कि '' 21 जिलों में 23 पेंट की इकाई प्रक्रियाधीन हैं. 13 ईकाई पूर्ण हो गई हैं. 17 हजार लीटर से अधिक पेंट का उत्पादन हो गया है. 22 लाख रुपए से अधिक की राशि की आय अर्जित की गई है. आने वाले समय में जल्द ही स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में बड़ी मात्रा में पेंट की आवश्यकता होगी. इसलिए हमें मांग और पूर्ति में संतुलन बनाकर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन करना होगा ताकि सही समय में आवश्यकतानुसार पेंट की पूर्ति की जा सके.''

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