रायपुर: दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि, '15 अगस्त को हमनें आरक्षण की घोषणा की थी, उसके बाद से भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है'.
आरक्षण पर अपना पक्ष रखे भाजपा : बघेल उन्होंने कहा कि, 'रमन सिंह, धरमलाल कौशिक या फिर विक्रम उसेंडी, किसी का कोई बयान नहीं आया. क्या वे पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत मिले आरक्षण का समर्थन करते हैं?. भाजपा प्रमुख राजनीतिक विपक्ष दल है उन्हें इस मामले में बोलना चाहिए'.
चुनाव और संगठन को लेकर हुई चर्चा
सीएम के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भी रायपुर पहुंचे हैं. उन्होंने दिल्ली में भूपेश बघेल की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर कहा कि, 'सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सीएम की उनसे ये पहली मुलाकात थी. मुलाकात के दौरान राज्य के कई मुद्दों पर चर्चा हुई. संगठन को लेकर चर्चा हुई. सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देकर भेजा है. उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव के विषय पर भी चर्चा हुई है'.
'भाजपा आरक्षण विरोधी पार्टी'
वहीं पुनिया ने आरक्षण को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि, 'भारतीय जनता पार्टी की शुरू से यही नीति रही है कि संविधान में दिए आरक्षण का विरोध किया जाए और इसे खत्म किया जाए. इसके पहले भी मोहन भागवत ने बयान दिया था कि, आरक्षण खत्म होना चाहिए, ये अलगावाद को बढ़ावा देता है'.
उन्होंने कहा कि, 'भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को ये सोचना चाहिए कि समाज में भी ऐसे वर्ग हैं जो अन्य से पिछड़े हैं. इन्हें भी बराबर सम्मान दिया जाए. ये संविधान में भी है और यही कांग्रेस की भी सोच है'.
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'संविधान के अनुरूप दिया गया आरक्षण'
आरक्षण को लेकर पुनिया ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री ने जो आरक्षण दिया है वो संविधान के अनुरूप है. सभी राज्यों में पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, लेकिन भाजपा की सरकार ने इसकी उपेक्षा की. प्रदेश में 50 प्रतिशत जनसंख्या पिछड़े वर्ग की है लेकिन भाजपा ने केवल 14 प्रतिशत आरक्षण देकर रखा हुआ था. यहां पर अनुसूचित जाति को भी उनकी जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण दिया गया है'.