रायपुर : राजधानी में आयोजित 'प्रेस से मिलिए' में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि नक्सलियों से बातचीत का रास्ता खुले होने का मतलब नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों से बातचीत करना है न कि नक्सलियों से.
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार यह प्रयास कर रही है कि स्वयंसेवी संगठन के वरिष्ठ नागरिक, पत्रकारों से बातचीत की जाए ताकि नक्सल क्षेत्र का विकास हो सके. वहीं नक्सल जैसी समस्या भी खत्म हो सके.
शाह के बातचीत का जिक्र
सीएम ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों की दिल्ली में हुई बैठक में उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से यह कहा था कि छत्तीसगढ़ में कोई भी बड़ा नक्सली लीडर नहीं है. यह सभी बड़े लीडर छत्तीसगढ़ के आस-पास के राज्य के हैं, जो प्रदेश में हिंसा फैला रहे हैं.
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बघेल ने शाह को यह भी सलाह दी थी कि यदि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करना है, तो वे अन्य राज्यों से नक्सली लीडरों को गिरफ्तार करें. उन्हें पकड़कर जेल में डाल दें या एनकाउंटर कर दें. यदि वहां नक्सली लीडर नहीं रहे, तो छत्तीसगढ़ से वैसे ही नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा.
केंद्र सरकार पर आरोप
इसके अलावा बघेल ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के पास भारी मात्रा में अवैध रूप से AK-47 सहित कई बड़े आधुनिक हथियार मिल रहे हैं, जिन्हें रोकने में केंद्र सरकार नाकामयाब रही है. बघेल का कहना है कि इन हथियारों को छत्तीसगढ़ आने के पहले ही केंद्र सरकार के गृह विभाग को रोक देना चाहिए. इन हथियारों को रोकना प्रदेश सरकार का काम नहीं है, बल्कि केंद्र का काम है.