'दुख को हमसे बेहतर कौन समझेगा'
सीएम ने कहा कि 'इस पीड़ा को हमसे बेहतर कौन समझेगा. झीरम में हमने हमारी पूरी एक पीढ़ी को खोया है. हमारी सरकार आदिवासी जनता का विश्वास जीत रही है, जिसकी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और इसी वजह से उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है'.
'किसी जनप्रतिनिधि की सुरक्षा नहीं हटाई'
बघेल ने कहा कि 'अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से छत्तीसगढ़ इस समस्या से लड़ रहा है और आगे भी लड़ता रहेगा. नक्सलियों की गोली का जवाब उन्ही की भाषा में दिया जाए'. सूबे के मुखिया ने कहा कि 'किसी भी जनप्रतिनिधि की सुरक्षा नहीं हटाई गई है, खासकर बस्तर में किसी की भी नहीं'.
'50 डीआरजी जवानों की दी गई थी सुरक्षा'
उन्होंने कहा कि 'भीमा मंडावी को 50 डीआरजी के जवान, 2 फॉलो गाड़ी दी गई थी. अभी कोई राजनीतिक जवाब नहीं देना चाहता. छविंद्र कर्मा को पुलिस ने रोका वो मान गए, भीमा मंडावी जी भी अगर मान जाते तो आज हमारे बीच होते. उन्हें नहीं जाना चाहिए था, वो चल दिए और घटना हो गई'.