रायपुर : ज्योतिबा गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को भारत के खानवाडी (पुणे )में हुआ था. गोविंदराव की मां का नाम चिमनाबाई और पिता का नाम गोविंदराव था.एक साल की उम्र में ही मां का साथ छूट गया. इसके बाद इनके पालन पोषण के लिए सगुणाबाई ने जिम्मेदारी संभाली. आगे चलकर इन्हें महात्मा फुले और ज्यतिबा फुले नाम प्रसिद्धी मिली. गोविंदराव का परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से आकर बसा था. यहां आकर इन्होंने फूलों का काम शुरू किया.गोविंदराव फूल और गजरा माला बनाकर बेचा करते थे.इसलिए इनका नाम फुले पड़ा.
ज्योतिबा की शिक्षा :ज्योतिबा ने मराठी भाषा में शिक्षा प्राप्त की. लेकिन जाति भेद के कारण बीच में ही इनकी पढ़ाई छूट गई. 21 वर्ष की उम्र में ज्योतिबा ने अंग्रेजी भाषा में मात्र 7वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की. शिक्षा के क्षेत्र में औपचारिक रूप से कुछ करने के उद्देश्य से ज्योतिबा ने 1848 में एक स्कूल खोला. स्त्री शिक्षा और उनकी दशा सुधारने के क्षेत्र में ये पहला कदम था. लेकिन समस्या ये थी कि, स्कूल में लड़कियों को पढ़ाने वाली शिक्षिका नहीं थी.इसलिए ज्योतिबा ने अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को शिक्षा देकर पढ़ाने के काबिल बनाया. जिसके बाद सावित्रीबाई भारत की पहली महिला अध्यापिका बनीं.आज उनके जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के राजनेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी है.
ज्योतिबा फुले की जयंती पर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने, उन्हें याद किया.कुमारी शैलजा ने कहा कि, ''महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी के द्वारा महिलाओं, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए किए गए कार्य अविस्मरणीय हैं.''आज उनकी जयंती कर उन्हें सादर नमन करती हूं.''