रायपुर: प्रदर्शन करने के बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे. जिसको पुलिस ने स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास ही रोक दिया. जहां पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि गुरुवार के प्रदर्शन के बाद भी अगर अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण का लाभ नहीं मिलता. तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
मांग पूरी नहीं होने पर होगा उग्र प्रदर्शन:भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश आजाद का कहना है कि "आरक्षण बिल जिसमें एसटी को 13% ओबीसी को 27% आरक्षण का समर्थन करते हैं. लेकिन एसटी वर्ग को मात्र 13% आरक्षण देने के लिए आरक्षण बिल प्रस्तुत किया गया है, जिसका विरोध भीम आर्मी करती है और एसटी को 16% आरक्षण देने की मांग की है. अगर इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार एसटी को 16% आरक्षण नहीं देती है. तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा."
चिल्ला रहे हैं, बावजूद इसके अन्याय सहना पड़ रहा है:भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि "बिहार के नेता बाबू जगदीश प्रसाद कुशवाहा की भी जयंती है. 100 में से 90 शोषित हैं, शोषितो ने ललकारा है धन धरती और राजपाठ में 90 फ़ीसदी हिस्सा हमारा है. उन्होंने एक और नारा दिया था 90 पर 10 का शासन नहीं चलेगा. लेकिन बुरा यह है कि उनके जाने के बाद भी 90 फ़ीसदी लोगों पर 10% लोग हावी हैं. अधिकार अगर मांगने से मिलते तो हजारों साल से आज इस देश में हम लोग अधिकारों को मांग रहे हैं. चिल्ला रहे हैं. बावजूद इसके अन्याय सहना पड़ रहा है.
Bhim army protest in raipur: अनुसूचित जाति वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रदर्शन
भीम आर्मी भारत एकता मिशन छत्तीसगढ़ के बैनर तले गुरुवार को राजधानी में अनुसूचित जाति के 13% आरक्षण को बढ़ाकर 16% करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में भीम आर्मी के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी शामिल हुए.
रायपुर में भीम आर्मी का प्रदर्शन
हम लोगों को हमारा अधिकार नहीं मिला:भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि "आज तक हम लोगों को हमारा अधिकार नहीं मिला. उसका एकमात्र कारण उन्होंने यह बताया कि अधिकार मांगने से नहीं मिलता. अधिकार छीनने पड़ते हैं. मांगने पर सिर्फ भीख मिलती है और छीनने के लिए शक्ति की जरूरत पड़ती है. शक्ति संगठन सत्ता में है. जिनकी सत्ता होती है. उनको किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ते."