Bhanu Saptami 2023: भानु सप्तमी व्रत का महत्व और पूजन विधि, जानिए कैसे इस पूजा से पूरी होगी आपकी मनोकमाना ? - सर्वार्थ सिद्धि योग
Bhanu Saptami 2023: भानु सप्तमी व्रत से हर मनोकामना पूरी होती है. इस दिन खास विधि से भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए. भानु सप्तमी व्रत को कैसे करें और किस तरह पूजा अर्चना करें. इसे जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.
भानु सप्तमी
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Published : Jul 8, 2023, 7:19 PM IST
भानु सप्तमी व्रत का महत्व और पूजन विधि जानिए
रायपुर:भानु सप्तमी रविवार 9 जुलाई को मनाई जाएगी. उत्तराभाद्र नक्षत्र, शोभन योग, स्थिर योग और शुक्ल सप्तमी के शुभ योग में ये पर्व मनाया जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी असर रहेगा. इस दिन बुध ग्रह पुष्य नक्षत्र में विराजमान होगा. भानु सप्तमी के दिन शोभन योग बन रहा है.
स्नान के समय दें अर्घ्य: दरअसल, भानु सप्तमी सूर्य की आराधना का पर्व है. इस दिन सूर्य भगवान की पूजा की जाती है. इस दिन योगासनों में सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना चाहिए. इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है. न हो सके तो आप तालाब या नदी में भी नहा सकते हैं. स्नान करते समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.
भानु सप्तमी के दिन व्रत करना शुभ माना गया है. इस दिन पूर्ण श्रद्धा से सूर्य देवता का स्मरण कर उपवास करना चाहिए. यह उपवास क्षमतानुसार करना चाहिए. सूर्य देवता शक्ति के प्रतीक हैं. जिन जातकों की कुंडली में सूर्य भगवान अशुभ हो या पाप ग्रह में हो या नीच हो, ऐसे जातकों को भगवान सूर्य का व्रत करना चाहिए. -पंडित विनीत शर्मा
इन मंत्रों का करें पाठ:इस दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से सूर्य भगवान की कृपा मिलती है. विधि-विधान से खास मंत्रों का जाप करते हुए श्रद्धा से सूर्य भगवान की उपासना करनी चाहिए. भगवान सूर्य ग्रहों के अधिपति माने गए हैं. भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं. सूर्य देवता की पूजा पूर्व दिशा में की जाती है. भानु सप्तमी के दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत, गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए. सूर्य सहस्त्रनाम, सूर्य चालीसा के बाद सूर्य भगवान की आरती और रवि गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए.
सूर्य की पूजा से होती है हर मनोकामना पूरी: भगवान सूर्य देव को लाल चंदन, लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए. धूप दीप आदि से पूजा करनी चाहिए. कहते हैं कि भानु सप्तमी के दिन जो भी उपवास रखते हैं. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. भानु सप्तमी सूर्य के आराधकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण पर्व है. उत्तरायण पक्ष में सूर्य की आराधना करना प्रबल योग कारक माना गया है.