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Bhadra Effect on Holi : होली पर आया भद्रा का साया, जानिए कब होगा होलिका दहन

इस साल होलिका दहन को लेकर कई लोगों में संशय की स्थिति है.वजह है होलिका पर्व पर भद्रा काल का आगमन. छत्तीसगढ़ में भद्राकाल कब तक रहेगा और कब होलिका का दहन होगा.इस बात की जानकारी दी है हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश तिवारी ने. Holi 2023

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होली पर आया भद्रा का साया

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Published : Mar 3, 2023, 8:48 PM IST

Updated : Mar 7, 2023, 12:29 PM IST

होली पर आया भद्रा का साया

रायपुर :फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का पर्व देश भर में मनाया जाता है. इस साल होली पर भद्र का साया पड़ने के कारण होलिका दहन के सही मुहूर्त और तारीख को लेकर लोगों में संशय है. कहीं 6 मार्च होलिका दहन की तारीख है. तो कहीं 7 मार्च को होलिका दहन बताया जा रहा है. इस संबंध में ईटीवी भारत में ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश तिवारी से बातचीत की.


दो दिन तक मनाया जाएगा होलिका दहन :पंडित योगेश तिवारी ने बताया " इस बार होलिका दहन 6 मार्च और 7 मार्च 2 दिन मनाया जा रहा है. 6 मार्च को शाम को भद्रा लग रहा है जो कि 7 मार्च के सुबह तक रहेगा. लेकिन उत्तर पूर्व राज्य में ही इसका प्रभाव रहेगा. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ में होलिका दहन 6 मार्च को मनाया जाएगा. 7 मार्च को रंग उत्सव मनाया जाएगा."


क्या है होलिका दहन का मुहूर्त :ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश तिवारी ने बताया" 6 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 12:48 मिनट से लेकर रात 2:48 का है. छत्तीसगढ़ में भद्रा का प्रभाव नगण्य है इसलिए 6 मार्च को छत्तीसगढ़ में होलिका दहन होना है ."

छत्तीसगढ़ में 6 मार्च को होलिका दहन :पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि "जिस तिथि में अमावस्या पूर्णिमा रहे उसमें उदया तिथि को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता. दीपावली की पूजा कार्तिक अमावस्या की रात को होती है. वैसे ही फाल्गुन मास के पूर्णिमा होती है. उस रात को होलिका दहन हो जाए तो बहुत अच्छा माना जाता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में होलिका दहन का उत्सव 6 मार्च को मनाया जा रहा है."

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क्या होता है भद्रा :ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश तिवारी ने बताया" किसी भी शुभ काम को करने से पहले पंचांग देखा जाता है. पांच अंगों से मिलकर पंचाग बना है नक्षत्र ,तिथि, योग करण, वार. इन 5 चीजों से पंचांग बना है. करण 11 होते है. जो तिथी का आधा भाग होता है. करण का सातवां भाग विष्ट कहलाता है. वह विष्ट ही भद्रा है. इसे सूर्य की पुत्री और शनि की बहन माना गया है. उसी के हिसाब से यह फल देते हैं. इसलिए जितने भी शुभ कार्य होते हैं. उसे भद्रा में करना वर्जित माना गया है."

Last Updated : Mar 7, 2023, 12:29 PM IST

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