छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

गोधन न्याय योजना: यह परिवार गोबर से बना रहा खूबसूरत राखियां - raipur news

भाई-बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन हर साल हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं इस साल भी पर्यावरण को देखते हुए बहनों ने अपने भाइयों के लिए गोबर से राखिया तैयार कर रहीं हैं.

Beautiful rakhi made of cow dung
गोबर की बनी राखियां

By

Published : Jul 28, 2020, 10:50 AM IST

रायपुर: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है. इस बार भाइयों की कलाइयां चाइनीज राखियों के बजाए स्वदेशी राखियों से सजेंगी. कोरोना महामारी की वजह से लोग भी चीनी राखियां खरीदने से बच रहे हैं. ऐसे में गोबर से बनी इन राखियों की अच्छी खासी डिमांड हो रही है. राजधानी रायपुर में रहने वाला बैरागी परिवार रक्षाबंधन के लिए खास गोबर की राखी बना रहा है, जिसकी कीमत बेहद कम रखी गई है.

रायपुर का बैरागी परिवार बना रहा गोबर की राखी

मंजू बैरागी बताती हैं कि परिवार के लोग पेपर के टुकड़े और घर में ही रखे मोतियों से इस राखी का निर्माण कर रहे हैं. मंजू ने बताया कि कोरोना वायरस के इस दौर में लोगों को अपने घरों से निकलने में बेहद डर लग रहा है. जिसके कारण लोगों को राखी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में हम अपने ही घरों में गोबर से राखी बना रहे हैं. मंजू ने कहा कि गोबर वैसे भी हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है.

पढ़ें- SPECIAL: रक्षाबंधन पर बहनों के लिए खास उपहार, राखी के बदले देंगे 'रक्षा कवच'


पर्यावरण का संरक्षण

मंजू बैरागी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते गोबर से राखी बनाने का काम शुरू किया गया है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं है. गोबर से बने ये उत्पाद पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं. लिहाजा इन उत्पादों को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. खास बात यह है कि इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है और वे आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं.

गोधन न्याय योजना के तहत किया जा रहा काम
वहीं सुरेंद्र बैरागी ने बताया कि इस बार सरकार भी गोधन न्याय योजना शुरू कर रही है. जिससे गोबर की महत्व को ध्यान में रखते हुए गोबर की राखी बनाने का फैसला लिया गया था. उन्होंने बताया कि गोबर, मोती, रक्षा सूत्र से बनाई गई राखी सुंदर दिखती है और शुध्द भी होती है.

एक बार फिर से लॉकडाउन की शुरूआत
प्रदेश के लगभग 13 से अधिक जिलों में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किया गया है. वही लॉकडाउन के कारण व्यापारी परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस साल धंधा मंदा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details