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Basant Panchami 2023: ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, शिक्षा कला और संगीत में मिलेगी सफलता - बसंत पंचमी 2023 तारीख और मुहूर्त

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान है. साल 2023 में बसंत पंचमी 26 जनवरी को है. इस दिन बेहद खास दिन है.बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान कर पीले रंग का वस्त्र धारण करें और विधि विधान से मां सरस्‍वती की पूजा करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती का उद्भव हुआ था. इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है

Basant Panchami 2023
मां सरस्वती पूजा

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Published : Dec 10, 2022, 10:54 PM IST

Updated : Jan 26, 2023, 7:50 AM IST

रायपुर:Basant Panchami 2023 पंचांग के अनुसार हर साल माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. साल 2023 में 26 जनवरी दिन गुरुवार को माघ शुक्ल पंचमी तिथि है. बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. धार्मिक मान्‍यता है कि मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है. बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है.

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बसंत पंचमी 2023 तारीख और मुहूर्त

  • पंचमी तिथि प्रारंभ 25 जनवरी, 2023 को दोपहर 12:34 बजे से
  • पंचमी तिथि समाप्त 26 जनवरी, 2023 को सुबह 10:28 AM बजे
  • बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 गुरूवार
  • बसंत पंचमी मुहूर्त 26 जनवरी दिन गुरुवार को सुबह 07:07 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • पूजा की अवधि 05 घंटे 28 मिनट

बसंत पंचमी 2023 का महत्त्व: मान्यता है कि सरस्वती की पूजा करने से संगीत कला और विज्ञान में निपुणता हासिल होती है. यही नहीं सुस्ती, आलस्य और अज्ञानता भी दूर होती है. इस दिन बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. ज्योतिष शास्त्र में बसंत पंचमी के दिन को अबूझ भी कहा जाता है. इस दिन सभी अच्छे दिन की शुरुआत की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से वह सफल होता है.

बसंत पंचमी पूजा (Basant Panchami Puja Vidhi): बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान कर पीले रंग का वस्त्र धारण करें और विधि विधान से मां सरस्‍वती की पूजा करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती का उद्भव हुआ था. इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. कहा जता है कि बसंत ऋतु की शुरुआत के मौके पर बसंत पंचमी के दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं. ऐसे में इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं.

मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. ऐसे में इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से संगीत कला और विज्ञान में निपुणता हासिल होती है. इसके अलावा सुस्ती, आलस्य और अज्ञानता भी दूर होती है. इस दिन से बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत करना शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में बसंत पंचमी के दिन को अबूझ कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से वह सफल होता है.

Last Updated : Jan 26, 2023, 7:50 AM IST

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