रायपुर/हैदराबाद: वसंत का अर्थ होता है 'मौसम' और पंचमी का अर्थ होता है 'पांचवां दिन'. हिंदू पंचांग अनुसार बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन ही वसंत पंचमी भी पड़ रही है. इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा अर्चना किया जाता है. उन्हें पीले वस्त्रों को धारण कर पीले मिष्ठानों का भोग लगाया जाता है. वसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है.
इस वजह से मनाई जाती है वसंत पंचमी:वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है. शीत ऋतु का जब समापन होता है, तो वसंत का आगमन होता है. हर साल माघ मास की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी की त्यौहार मनाया जाता है. हमारे देश भारत में 6 प्रकार के ऋतुएं (मौसम) होती हैं. जिनमें से वसंत ऋतु का मौसम सबसे ज्यादा सुहावना होता है. इसीलिए वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है. इस मौसम में हर जगह धरती पर हरियाली होती है. इसी मौसम में गेहूं और सरसों की खेती की जाती है.
बसंत पंचमी 2023 पर सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त:इस त्योहार को माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 26 जनवरी को पड़ रहा है. इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक खत्म हो जाएगा.