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Baisakhi 2023: किसानों के लिए खास है बैसाखी पर्व - बैसाखी

हर साल 14 अप्रैल को बैसाखी पर्व मनाया जाता है. ये पर्व किसानों के लिए बेहद खास होता है. हर राज्य में इसे अपने अपने तरीके से लोग मनाते हैं. असम में इसे बीहू के तौर पर मनाया जाता है, तो बंगाल में नबो वर्षों के तौर पर. जबकि पंजाब में इसे खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Baisakhi 2023
बैसाखी पर्व

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Published : Apr 3, 2023, 1:49 PM IST

रायपुर:हर साल बैसाखी का पर्व अप्रैल माह की 14 तारीख को मनाया जाता है. इस दिन को हर राज्य में अलग अलग तरह से सेलिब्रेट किया जाता है. ये पर्व खासतौर पर किसानों के लिए मनाया जाता है. फसल का मौसम होने के कारण किसान इस पर्व को बड़े उल्लास से मनाते हैं. बैसाखी खासकर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा में मनाया जाता है.

हर राज्य में अलग तरीके से मनाते हैं बैसाखी:बैसाखी को असम में बीहू, बंगाल में नबो वर्षो और केरल में पूरम विशु के नाम से जाना जाता है. हर राज्य में इसका अलग नाम है. लोग अलग-अलग तरीके से बैसाखी Baisakhi मनाते हैं.

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बैसाखी का महत्व: बैसाखी अच्छी फसल पैदावार के खुशी में मनाया जाता है. ये त्यौहार भारतीय किसानों का पर्व माना जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं. किसान इस दिन फसल के कटकर घर आने के खुशी में भगवान और प्रकृति का आभार प्रकट करते हैं. खुशी में भांगड़ा किया जाता है. बैसाखी सिख समुदाय के लिए एक धार्मिक त्यौहार भी है. सिख समुदाय के लोग बैसाखी को खालसा पंथ की स्थापना के तौर पर मनाते हैं.

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बैसाखी का इतिहास: 13 अप्रैल 1699 को बैसाखी के ही दिन सिखों अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ को स्थापित किया था. इसका लक्ष्य धर्म और आदर्श के लिए तत्पर रहना है. इसलिए बैसाखीका दिन सिखों के लिए बेहद खास माना जाता है.

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