रायपुर :छत्तीसगढ़ ने बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में दायर एक रिट याचिका वापस ले ली.याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 और धन शोधन निवारण कानून द्वारा प्रदत्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों को चुनौती दी गई थी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2022 के फैसले की समीक्षा के लिए एक विशेष तीन-न्यायाधीश पीठ का गठन किया है. जिसने पीएमएलए में पेश किए गए संशोधनों को बरकरार रखा था. संशोधनों के मुताबिक ईडी को कई तरह के अधिकार दिए गए थे. जिसमें किसी मामले में संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करना, समन भेजना और निजी संपत्तियों पर छापा मारने जैसे अधिकार थे.इन्हीं अधिकारों को लेकर सरकार ने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी थी.
क्यों लगाई गई थी याचिका ? :छत्तीसगढ़ ने अपनी रिट याचिका में इस तरह की शिकायतों को उजागर किया. जिसमें तर्क दिए गए थे कि पीएमएलए का इस्तेमाल गैर-बीजेपी राज्य सरकार के सामान्य कामकाज को डराने, परेशान करने और परेशान करने के लिए किया गया था.जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को छत्तीसगढ़ की याचिका के मामले में किसी भी तरह का डर का माहौल पैदा ना करने की बात कही थी. राज्य ने केंद्रीय एजेंसी ईडी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 2 हजार करोड़ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने का आरोप लगाया था.