रायपुर :छत्तीसगढ़ सरकार ने बैंडमिंटन खिलाड़ी को प्रदेश में डीएसपी पद का ओहदा दिया है.आपको बता दें कि आकर्षी कश्यप ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का झंडा ऊंचा किया था. इस खिलाड़ी ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में बैंडमिंटन में सिल्वर मेडल लाया था. इस उपलब्धि के बाद आकर्षि का प्रदेश में जोरदार स्वागत हुआ था.
आकर्षी कश्यप की बायोग्राफी :आकर्षी कश्यप का जन्म 24 अगस्त साल 2001 में भिलाई छत्तीसगढ़ में हुआ. आकर्षी के पिता संजीव कश्यप स्किन स्पेशलिस्ट हैं. इनकी माता का नाम अमिता कश्यप है. आकर्षी का एक छोटा भाई है जिसका नाम श्रेयश कश्यप है. आकर्षी ने आठ साल की उम्र में स्कूल से बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. खेल में उसकी रुचि को देखने के बाद पिता ने बैडमिंटन में पेशेवर ट्रेनिंग दिलवाई.
कब खेलना शुरु किया बैंडमिंटन :आकर्षी ने 2009 में रविशंकर स्टेडियम दुर्ग में कोच संजय मिश्रा के नेतृत्व में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. वो भिलाई स्टील प्लांट के बैडमिंटन कोर्ट में तीन स्थानीय खिलाड़ियों के साथ रोजाना कड़ी ट्रेनिंग करती थीं.
आकर्षी कश्यप की शिक्षा :आकर्षी नेअपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव छत्तीसगढ़ में की है. इसके बाद उन्होंने सेठ आरसीएस आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज दुर्ग और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग से पढ़ाई की. आकर्षी ने आर्ट्स से ग्रैजुएट हैं.
कब जीता पहला टूर्नामेंट :24 अगस्त 2014 को आकर्षी ने शिवकाशी में अखिल भारतीय रैंकिंग टूर्नामेंट में अपना पहला बैडमिंटन मैच जीता. साल 2016 में, आकर्षी बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में शामिल हुईं. उसी साल आकर्षी ने 25वें कृष्णा खेतान मेमोरियल ऑल इंडिया जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में कमाल किया. आकर्षी ने अंडर 17 और अंडर 19 सिंगल्स में जुड़वां खिताब जीते.
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साल दर साल आकर्षी ने किया कमाल :इसके बाद इंडोनेशिया के कुडस में आयोजित एशिया अंडर-15 और अंडर-17 जूनियर चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इसमें उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.साल 2017 में आकर्षी ने 42 वीं जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती. जनवरी 2018 में बेंगलुरु में योनेक्स-सनराइज ऑल इंडिया सीनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में गायत्री गोपीचंद के खिलाफ उनका 63 मिनट का लंबा मैच था. कश्यप ने केन्या इंटरनेशनल 2020 में महिला एकल वर्ग में जीत हासिल की. दिसंबर 2021 में तान्या हेमंत को 21-15 और 21-12 के स्कोर से हराकर अखिल भारतीय रैंकिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता.