बढ़ती महंगाई: एक साल में दोगुना हुआ ऑटो किराया, पेट्रोल-डीजल ने तोड़ी कमर - Auto fare hiked due to increase in diesel price
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट पर गौर करें तो, बीते एक साल में देश की 97 फीसदी आबादी 'गरीब' हो गई है. मतलब महंगाई ने देश के 97 फीसदी आबादी को बुरी तरह से प्रभावित किया है. बात छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख शहरों की करें तो यहां बीते एक साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 से 30 रुपये तक की वृद्धि हुई है. जिससे न सिर्फ वाहन चालक बल्कि पैसेंजर की भी कमर टूट चुकी हैं. इन तीन शहरों में बीत एक साल में नार्मल ऑटो का किराया लगभग दोगुना हो गया है.
ईंधन की कीमतों के साथ बढ़ा किराया
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Published : Jun 5, 2021, 11:32 AM IST
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Updated : Jun 5, 2021, 12:11 PM IST
रायपुर: बीते एक साल में हर चीज की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है. आम आदमी आटा-चावल, खाद्य तेल ही नहीं, बल्कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों से अधमरा हो चुका है. देश के कई शहरों में पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ महीने तक इस महंगाई से राहत मिलने की संभावना भी नहीं है. डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम की वजह से ऑटो ड्राइवर के साथ आम लोग भी परेशान हैं.
ईंधन की कीमतों के साथ बढ़ा किराया
घर चलाना भी हुआ मुश्किल
डीजल के दामों में हुई वृद्धि के कारण ऑटो ड्राइवरों ने लोकल सवारी से अघोषित रूप से दोगुना किराया वसूलना शुरू कर दिए हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के ऑटो चालकों ने माना भी है कि वे अब यात्रियों से दोगुना किराया ले रहे हैं. किराया बढ़ाने को लेकर ऑटो चालकों का भी अपना तर्क है. उनका कहना है कि कोरोना के कारण 3 से ज्यादा सवारी पर प्रतिबंध है. वहीं लगातार बढ़ती तेल की कीमतों के कारण उन्हें मुनाफा तो दूर मेटेंनेंस तक में परेशानी हो रही है. ऊपर से सवरी भी कम ही मिल रहे हैं. ऑटो ड्राइवरों का के मुताबिक कभी 300 से 400 रुपये प्रतिदिन कमाने वाले ऑटो चालकों को अब घर चलाने तक में परेशानी हो रही है.
डेढ़ महीने पहले से चौपट है धंधा
ऑटो ड्राइवर कहते हैं, वर्तमान में डीजल के दाम प्रति लीटर 92 रुपये के पार चला गया है. जून 2020 में प्रति लीटर डीजल के दाम लगभग 68 रुपये था, जो वर्तमान में 92 रुपये के आसपास है. एक साल में प्रति लीटर डीजल में लगभग 24 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा गाड़ी में और भी मेंटेनेंस का काम होता है. ऊपर से कोरोना का कहर, इसके कारण ऑटो का किराया इन्हें दोगुना करना पड़ा है. लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने से इनका धंधा पहले से चौपट हो चुका है.
परिवहन विभाग ने नहीं बढ़ाया है किराया
इधर, ऑटो ड्राइवरों द्वारा यात्री किराया दोगुना किए जाने को लेकर यातायात विभाग के एडिशनल एसपी एमआर मंडावी का कहना है कि विभागीय तौर पर किसी तरह की कोई किराया सूची नहीं बनी है और किराया बढ़ाए जाने को लेकर परिवहन विभाग द्वारा किसी तरह की कोई निर्देश भी नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी के चलते ऑटो ड्राइवरों ने किराया बढ़ाया होगा.
कहां से कहां का किराया हुआ दोगुना
बात रायपुर की करें तो घड़ी चौक से यूनिवर्सिटी तक पहले ऑटो का किराया 10 रुपये हुआ करता था, जो आज बढ़कर 20 रुपए हो गया है. रेलवे स्टेशन से घड़ी चौक तक ऑटो का किराया पहले 10 रुपये था, जो आज बढ़कर 20 रुपया हो गया है. घड़ी चौक से तेलीबांधा तक ऑटो का किराया पहले 10 रुपया था, जो आज बढ़कर 20 रुपया हो गया है. बस स्टैंड से घड़ी चौक का किराया पहले 10 रुपया था, जो आज बढ़कर 20 रुपया हो गया है. रायपुरा से घड़ी चौक का किराया पहले 10 रुपया था, जो आज बढ़कर 20 रुपया हो गया है. रायपुरा से टाटीबंध तक पहले 10 रुपया किराया था, जो आज बढ़कर 20 रुपया हो गया है. टाटीबंध से पचपेड़ी नाका का किराया पहले 20 रुपया था, जो आज बढ़कर 40 रुपया हो गया है. इसी तरह टाटीबंध से तेलीबांधा का किराया 40 रुपया था, जो आज बढ़कर 60 रुपए पर पहुंच गया है.
इस रेश्यो में बढ़ी डीजल की कीमतें
इधर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बात करें तो, जून 2020 को प्रति लीटर डीजल की कीमत 67.80 रुपया था, जो आज बढ़कर 92.64 रुपए हो गया है. प्रति लीटर डीजल की कीमत में 24.84 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. जनवरी 2021 में प्रति लीटर डीजल की कीमत 82 रुपये था. फरवरी 2021 में प्रति लीटर डीजल की कीमत 84 रुपये, मार्च 2021 में प्रति लीटर डीजल की कीमत 86 रुपये, अप्रैल 2021 में प्रति लीटर डीजल की कीमत 86.50 रुपये, मई 2021 में प्रति लीटर डीजल की कीमत 88.50 रुपये थी.
3 से ज्यादा यात्रियों पर प्रतिबंध
दुर्ग में ऑटो चालकों को इन दिनों दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जहां एक तरफ डीजल के दामों ने लगातार वृद्धि हो रही है तो दूसरी ओर कोविड के गाइडलाइन के अनुसार ऑटो चालकों को 3 से ज्यादा सवारी बिठाने पर प्रतिबंध लगा है. डीजल के दाम में आये दिन बढ़ोत्तरी और कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक सवारियों ले जाने की मजबूरी में कई ऑटो चालक तो अपनी गाड़ी का किस्त और किराया के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. कई ऐसे भी ऑटो चालक हैं जो कर्ज लेकर गाड़ी तो खरीद लिया है, लेकिन कमाई नहीं होने के कारण कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं. ऑटो चालकों ने बताया कि जब तक शहर में बस और ट्रेनों का परिचालन नहीं होगा, उन्हें भी ऐसे ही परेशानियों से गुजरा पड़ेगा. लॉकडाउन गाइडलाइन के कारण ऑटो में सवारी कम आ रहे हैं, ऐसे में जहां हर दिन एक बार में 3 से 4 चक्कर मार लेते थे, अब एक या दो चक्कर ही मार पाते हैं. एक दो चक्कर में डीजल का खर्च भी नहीं निकल पाता है.
पहले 300 रुपये हर दिन कमाने वालों को अब घर चलना मुश्किल
इधर, बिलासपुर में पिछले एक साल में कोरोना से पहले और आज के पेट्रोल के मूल्य में लगभग 30 रुपये का अंतर आ गया है. डीजल के भाव एक साल में लगभग 28 रुपये तक बढ़े हैं. बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों की वजह से शहर के ऑटो चालकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तो लॉकडाउन में 1 साल से काम धंधे का ना चलना ऊपर से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी ऑटो चालकों की परेशानियों का सबब बना हुआ है. रोजाना 300 से 400 रुपये कमाने वाले ऑटो चालक अब अपनी रोजी तक निकाल नहीं पा रहे हैं. लॉकडाउन से ज्यादातर ट्रेन और बस का परिचालन बंद है, जिससे यात्री भी कम आ रहे हैं. यात्रियों की कमी के कारण ऑटो चालकों को सवारी मिलना भी मुश्किल हो रहा है. इस दोहरी मार की वजह से अब उनको घर चलाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
800 रुपये तक बढ़ा ईंधन खर्च
डीजल की बढ़ती कीमतों का असर बाजार पर भी पड़ रहा है. माल ढुलाई का खर्च बढने से खाद्यान्न और उपभोक्ता सामग्रियों की कीमत भी तेजी से बढ़ रही है. बस और ऑटो चालक इंधन की कीमत बढने का हवाला देकर हर रूट पर 10 से 20 रुपये ज्यादा वसूल रहे हैं. भवन निर्माण सामग्रियों पर भी डीजल के दाम बढ़ने का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. पेट्रोल की कीमत बढने से मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है. काम धंधे पर जाने वाला आम मध्यम वर्ग औसतन एक लीटर पेट्रोल प्रतिदिन खपत करता है. इस लिहाज से पिछले एक साल में घर का बजट 800 रुपये प्रतिमाह तक केवल इंधन मद में बढ़ चुका है.