रायपुर: बढ़ते कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को लेकर लगाए गए लॉकडाउनका असर रोज कमाने-खाने वाले तबके पर अधिक पड़ रहा है. राजधानी में लाॅकडाउन के कारण ऑटो नहीं चल रहे हैं.कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ऑटो चालकों की कमर टूट गई है. ऑटो चालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में अपना और अपना परिवार कैसे चलाएंगे, इस बात को लेकर सोचने पर मजबूर हो गए हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से 9 अप्रैल से रायपुर में लॉकडाउन लगा हुआ है. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में भी लॉकडाउन लगाया गया. लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा और यात्री बसों का संचालन पूरी तरह से बंद रखा गया है.
राजधानी में करीब 15 हजार ऑटो
एक अनुमान के मुताबिक राजधानी रायपुर में 15 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा है. कई परिवार इसी के भरोसे चलता है. लॉकडाउन के दौरान ऑटो भी पूरी तरह से बंद हो गए हैं. जिसके कारण ऑटो चालकों का परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है. परिवार को अब आर्थिक समस्या के साथ ही कई तरह की परेशानी भी झेलनी पड़ रही है. किसी तरह उधार लेकर परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं. अधिकांश ऑटो चालकों ने अपनी गाड़ियां फाइनेंस कराई हैं. जिसकी किस्त भरना भी मुश्किल होता जा रहा है.
रायपुर में लॉकडाउन के दौरान ऑटो ड्राइवर्स का जीना हुआ मुश्किल