रायपुर : 14 अप्रैल का दिन पंजाब प्रांत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन नई फसलों का स्वागत किया जाता है.इस दिन के बाद से ही गर्मी बढ़ने लगती है. सूर्य उच्च राशि में जाकर अपने ताप और बल को बढ़ाता है. मेष राशि अग्नि तत्व की राशि मानी जाती है. इसके स्वामी मंगल हैं. सूर्य ग्रह अपने प्रबल मित्र की राशि में विराजित होकर परम उच्च होते हैं. बैसाखी का पर्व ऋतु परिवर्तन, नव संवत्सर के स्वागत का पर्व है.
Raipur : सूर्य करने वाला है मेष राशि में प्रवेश, शुभ कार्य होंगे प्रारंभ
कृष्ण पक्ष की नौवीं तिथि को सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होने वाला है.14 अप्रैल 2023 के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि में आएगा.इस दिन खरमास की समाप्ति भी होगी.इसलिए इस दिन को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. मेष संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति मानी जाती है. इस दिन के बाद से शुभ और मांगलिक कार्य शुरु होते हैं.
असम में मनाया जाता है बिहू पर्व :पूर्वोत्तर राज्य असम में ये दिन बोहाग बिहू के रूप में मनाया जाता है. यह बिहू पर्व असम में कम से कम 3 बार मनाया जाता है. नई फसलों की कटाई, ऋतु परिवर्तन का स्वागत करने के लिए, लोग एक साथ मिलकर बिहू नृत्य एवं गायन और बिहू संस्कृति को बढ़ावा देते हैं. इस दिन असमिया परिवार चावल, नारियल से स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं. इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में मछली खाने की भी परंपरा है. अनेक लोग कई तरह के मांसाहारी व्यंजनों का भी सेवन करते हैं.''
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धार्मिक यात्राएं होती है शुरू : पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "मेष राशि का उच्च में आगमन होने से आगामी दिनों में परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया, बदरीनाथ केदारनाथ यात्रा प्रारंभ होती है. इसी माह में बगलामुखी जयंती, परशुराम द्वादशी, नरसिंह जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, रविंद्रनाथ टैगोर जयंती जैसे पावन पर्व मनाए जाते हैं. इस समय कालाष्टमी का भी पर्व पड़ता है. सीता नवमी, जानकी जयंती का भी पर्व इसी मेष संक्रांति के दौरान ही मनाया जाता है."