रायपुर:छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. प्रदेश में पिछले 4 माह में 13 चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को कुर्क किया गया है. जिनकी नीलामी के बाद पीड़ित निवेशकों के खाते में 11 करोड़ से अधिक की राशि डाली गई है. प्रदेश में सबसे पहले राजनांदगांव जिले में चिटफंड कंपनी की संपत्ति को कुर्क करके नीलाम किया गया. उसके बाद रायपुर, दुर्ग समेत 8 जिलों में धोखेबाजों की संपत्ति कुर्क की गई है. जबकि अन्य जिलों में कोर्ट में मामला लंबित है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही बाकी जिलों में भी यह सिलसिला शुरू हो जाएगा.
29 केस से 17 हजार से अधिक निवेशकों के लौटाए रुपये:विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अब तक 29 केस में से 13 कंपनियों की संपत्ति को कुर्क किया गया है. कुर्की के पश्चात नीलामी से जो रकम प्रशासन को मिले हैं. उसमें से 17 हजार से अधिक पीड़ित निवेशकों के खाते में 11 करोड़ से अधिक की राशि डाली गई है. विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यह राशि केवल रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बेमेतरा, जशपुर, सूरजपुर, जांजगीर चांपा और राजनांदगांव जिले के निवेशकों के खाते में डाली गई है. अन्य जिलों में लंबित मामलों की संपत्ति को भी जल्द नीलाम किया जाएगा, जिसके बाद निवेशकों के डूबे पैसे लौटाए जाएंगे.
436 केस में 1420 करोड़ रुपये:छत्तीसगढ़ के पुलिस थानों में दर्ज 436 केस के आधार पर 1420 करोड़ रुपए की ठगी का अनुमान है. इसमें निवेशकों की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक है. वहीं, निवेशकों से मंगाए आवेदन के आधार पर 25 लाख से ज्यादा निवेशकों से करीब 10 करोड़ रुपए लेने का पता चला है, जबकि सरकारी एजेंसियों को अब तक इन कंपनियों की 768 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी ही मिल पाई है. बताया जा रहा है कि कंपनियों के डायरेक्टर और जिम्मेदारों ने लोगों से ठगी के लिए प्रदेश में प्रॉपर्टी में निवेश दिखाया. लेकिन अब जांच में यह बात सामने आ रही है कि पूरा निवेश दिखावे के लिए ही था. क्योंकि जितनी रकम निवेश हुई है. उसके आधार पर प्रॉपर्टी नहीं मिल रही है.