रायपुर : देशभर में 7 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस तिथि को अक्षय तृतीया और आखा तीज भी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना करने का भी विधान है.
इस माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तो अत्यंत ही शुभकारी और सौभाग्यशाली मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन उपवास और सत्तू ककड़ी और चना दाल का भोग अर्पित करना चाहिए. इस व्रत का फल न कभी कम होता है और न नष्ट होता है, इसलिए इसे अक्षय (कभी न नष्ट होने वाला) तृतीया कहा जाता है. इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं.
जूता-चप्पल दान करने का विशेष महत्व
इस दिन साक्षी मिट्टी का घड़ा, मौसमी फल, हाथ से चलने वाली पंछी, अनाज, गर्मी से बचाने वाले जूता-चप्पल का दान करने का विशेष महत्व है. ज्योतिष अरुणेश शर्मा ने बताया कि पुराणों के अनुसार महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से अक्षय तृतीया का महत्वपूर्ण था. भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि यह तिथि कभी क्षय ना होने वाली तिथि है. इस दिन पुण्य करने से वह सदा सर्वदा के लिए अक्षय हो जाता है. अक्षय तृतीया पर भगवान के 3 अवतार हुए थे.