रायपुर:दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 20 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर राजधानी में बैठे हुए हैं. बुधवार को असम के निर्दलीय सांसद नाबा कुमार सरनिया भी समर्थन (Assam MP reached raipur to support protest) देने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही अनुकंपा नियुक्ति करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि कैबिनेट की बैठक में सरकार को इस विषय पर गंभीर होना चाहिए. अगर भूपेश सरकार ऐसा नहीं करती है, तो लोग गद्दी से उठाकर बूढ़ातालाब में विसर्जित कर देंगे. raipur latest news
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ का प्रदर्शन, असम के सांसद नाबा कुमार सरनिया ने किया समर्थन - Assam MP Naba Kumar Sarnia visits Chhattisgarh
raipur latest news असम में कोकराझार के निर्दलीय सांसद नाबा कुमार सरनिया बुधवार को दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील है. भूपेश सरकार ने चुनाव के पहले अनुकंपा नियुक्ति का घोषणा किया था. उस वादे को भूपेश सरकार पूरा करे.
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अनुकंपा नियुक्ति को लेकर बनाए गए मापदंड कठिन: सरकार के द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं, जिसके चलते उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे.
जिन शिक्षाकर्मियों का संविलियन हुआ, उनके परिजनों को मिली अनुकंपा नियुक्ति: प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों के निधन हुए हैं. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है
प्रदेश में हैं लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजन: पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चे हैं, जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल किया जाये हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर और ग्राम पंचायत में सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए. जिससे वे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.