रायपुर :छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण के मुद्दे पर (conversion in chhattisgarh) राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर फिर से शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के नेता मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी कांग्रेस के नेता अभी भी धर्मान्तरण को प्रदेश का मुद्दा नहीं मानते. हाल ही में जशपुर क्षेत्र में पुलिस ने धर्मांतरण के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा और धर्मांतरण कानून के तहत केस दर्ज किया गया. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद यह मुद्दा फिर से राजनीतिक हलकों में गरमा गया है.
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर फिर राजनीति कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही विपक्ष सरकार को घेर रहा : छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद ही भारतीय जनता पार्टी के नेता धर्मांतरण पर सरकार के रुख को लेकर सवाल उठा रहे हैं. बीजेपी का आरोप है कि प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं करती. जबकि सरकार की ओर से हमेशा यह कहा गया कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन कराने जैसी कोई ठोस शिकायत ही नहीं मिली. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इस विषय में प्रमाणिक शिकायत मिलने पर पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई भी की गई है. कांग्रेस नेता मानते हैं कि प्रदेश में बीजेपी के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं है. महज राजनीतिक ध्रुवीकरण करने के लिए बीजेपी धर्म आधारित विषयों को जबरन मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है.
धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार गंभीर नहीं :भारतीय जनता पार्टी के नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि "सरकार में बैठे लोग जिस धर्मान्तरण के मुद्दे को सिरे नकार रहे हैं, उसका प्रमाण जशपुर में दो व्यक्तियों की हुई गिरफ्तारी है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है. राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती." उपासने ने चेतावनी दी है कि अगर धर्मान्तरण कराने वालों को रोका नहीं गया तो प्रदेश की कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है. इसकी जिम्मेदार सरकार होगी.
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झूठ का पर्दाफाश-कांग्रेस : छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश में बीजेपी शासनकाल के दौरान सबसे ज्यादा चर्च बनाए गए. सीएम ने यह भी कहा था कि रमन सिंह के शासनकाल में धर्मांतरण सबसे ज्यादा हुआ. सीएम कई बार कह चुके हैं कि बीजेपी मुद्दाविहीन है. इसीलिए धर्म आधारित मामलों को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनन्द शुक्ला का कहना है कि "सरकार शिकायत मिलने पर कार्रवाई करती है. इसका ही प्रमाण जशपुर में की गई पुलिस की कार्रवाई है. बीजेपी नेताओं के उस झूठ का पर्दाफाश हो गया है, जिसमें वे पुलिस द्वारा कार्रवाई न किये जाने की बातें कहते हैं.
धर्मांतरण के मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए :छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा दास का कहना है कि "यह कहना उचित नहीं होगा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद ही धर्मान्तरण के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में इस विषय की गंभीरता और मौजूदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल ने 1955-56 में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की सच्चाई जानने के लिए नियोगी कमीशन का गठन किया था. इस कमीशन ने भी जशपुर और सरगुजा क्षेत्र में जाकर जानकारी ली थी. हालांकि इस कमीशन की रिपोर्ट सामने नहीं आ पाई.
पत्रकार कृष्णदास मानते हैं कि बीजेपी के शासनकाल और घर वापसी अभियान चलाने वाले बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव के समय जशपुर क्षेत्र से धर्मान्तरण की खबरें मिलनी काफी कम हो गई थीं. पत्रकार दास का यह भी कहना है कि इस विषय को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी एग्रेसिव हिंदुत्व के एजेंडे पर चलती थी, इसलिए मिशनरीज के काम खुलकर सामने नहीं आता था.
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घर वापसी अभियान के प्रणेता जूदेव की प्रतिमा का जशपुर में आरएसएस प्रमुख भागवत करेंगे अनावरण :गौर करने वाली बात यह है कि धर्मांतरण के खिलाफ मुखर रहे और घर वापसी अभियान चलाने वाले जशपुर के बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव की आदमकद प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने को आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने सहमति दे दी है. मोहन भागवत नवंबर माह में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस दौरान भागवत जशपुर के तीन दिनों के प्रवास पर रहेंगे. राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि मोहन भागवत का जशपुर प्रवास इस बात का संकेत है कि धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर संघ कितना गंभीर है.
पिता के अभियान को आगे बढ़ाने में जुटा है बेटा :सरसंघचालक मोहन भागवत के इस दौरे से प्रदेश भर में यह संदेश भी पहुंचेगा कि स्व दिलीप सिंह जूदेव जैसे धर्मान्तरण के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले नेताओं के लिए संघ के मन में कितना सम्मान है. छत्तीसगढ़ के जशपुर और सरगुजा इलाके में धर्मांतरण के ज्यादा मामले प्रकाश में आते हैं. इसीलिए भागवत के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. बीजेपी के पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण 16 नवंबर को मोहन भागवत करेंगे. स्व दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप का कहना है कि उनके पिता दिलीप सिंह जूदेव ने आजीवन हिंदुत्व की रक्षा के लिए संघर्ष किया. ऐसे में आरएसएस के सरसंघचालक द्वारा उनकी प्रतिमा का अनावरण होना, उन्हें सच्ची श्रद्वाजंलि होगी. प्रबल प्रताप भी अपने पिता के घर वापसी अभियान को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं.