रायपुर:किसी हादसे में अपनों को खोने का दुख काफी बड़ा होता है. ऐसे में अगर पोस्टमार्टम के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़े तो दुख के आंसू भी सूख जाते हैं. लेकिन रायपुर में अब लोगों को अपनों के पोस्टमार्टम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अंबेडकर अस्पताल और एम्स के बाद अब जल्द जिला अस्पताल में भी शवगृह शुरू किया गया (mortuary facility in Raipur hospitals) है.
इसके लिए शहर के थानों का बंटवारा किया गया. राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल मेकाहारा में शवगृह की सुविधा होने से मेकाहारा पर अतिरिक्त दबाव बन जाता था. दूसरे जिले के अफेयर केसेस भी मेकाहारा में आते थे. रायपुर एम्स में भी शवगृह की सुविधा थी लेकिन मेकाहारा प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने की वजह से पोस्टमार्टम के लिए शव को मेकाहारा ही भेजा जाता था. जिसको देखते हुए अब जिला अस्पताल में भी शवगृह की सुविधा शुरू की जा रही है. अब शहर के 26 थानों को तीन अस्पतालों में बांटा गया है, जिससे किसी एक अस्पताल के शवगृह पर ज्यादा दबाव ना पड़े. हर दिन मेकाहारा में 10 से 15 केसेस पोस्टमार्टम के लिए आते हैं. कई बार एक दिन के केसेस 20 तक भी पहुंच जाते हैं. जिससे अस्पताल पर दबाव अधिक बढ़ जाता था, जिससे अब निजात मिलेगा.
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किस लिए किया जाता है पोस्टमार्टम
किसी की भी मौत की वजह का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम करना जरूरी होता है. सामान्य परिस्थितियों में मौत होने पर अक्सर परिवार वाले किसी सदस्य के मरने के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाते. ज्यादातर संदिग्ध हालात में मौत होने की स्थिति में ही पोस्टमार्टम की नौबत आती है.
अस्पताल के 3 शवगृह को रायपुर के 26 थानों में किया गया डिवाइड
इस विषय में रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में नया शवगृह खुला है. अब रायपुर में तीन जगह शवगृह की सुविधा है. रायपुर के 26 थानों को शवगृह के हिसाब से डिवाइड किया गया है. एम्स में भी पोस्टमार्टम की सुविधा है. इस वजह से एम्स में पोस्टमार्टम के लिए स्वास्थ विभाग के डायरेक्टर से बात किया गया है. शहर के 6 थानों को उससे जोड़ा गया है यानी शहर के 6 थाना क्षेत्र में अगर कोई हादसा होता है. किसी की डेथ होती है तो एम्स में उनका पोस्टमार्टम किया जा सकेगा.