छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बिना आंख आदिवासी संस्कृति को रोशनी दे रही अंजली, छत्तीसगढ़ संगीत को लोकगीत में पिरोया - श्री जानकी बैंड छत्तीसगढ़

कोरोना संकट काल में एक ऐसा म्यूजिकल बैंड उभर कर आया है, जो कबीर के दोहे, छत्तीसगढ़ी और बुंदेलखंडी लोक गीतों के धुनों को पिरो रहा है. दुख और तनाव के माहौल में कलाकारों की यह कोशिश समाज में थोड़ी सी खुशियां भरने का कार्य कर रही है. पढ़िए पूरी खबर....

Anjali giving folk songs to Chhattisgarh music in jabalpur
आदिवासी संस्कृति को रौशनी दे रही अंजली

By

Published : Oct 27, 2020, 10:53 PM IST

जबलपुर : कोरोना संकट काल और मौसमी बीमारियों ने ऐसा हाहाकार मचाया कि लोग हंसना ही भूल गए. संगीत और कला तो मानो समाज से गायब सी हो गई. इसका सबसे बुरा असर कलाकारों पर पड़ा, जहां कला की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई, जिसकी वजह से कलाकारों के अंदर एक खींच पैदा हो गई. ऐसे में शहर से एक ऐसा म्यूजिकल बैंड उभर कर आया है, जो कबीर के दोहे, छत्तीसगढ़ी और बुंदेलखंडी लोक गीतों के धुनों को पिरो रहा है. इस बैंड को चलाने वाली कोई और नहीं बल्कि लड़कियां हैं, जो अपने आप में ही बहुत बड़ी बात है.

बैंड का नाम 'श्री जानकी' बैंड रखा गया है, जिसकी खास बात यह है कि इसमें केवल लड़कियां ही हैं. इन्ही सब में एक लड़की अंजली सोनी भी है, जो वर्ष 2013 में बीमार हो गई थी. डॉक्टरों नेलापरवाही बरतते हुए गलत इलाज करने पर अंजलि की आंखों की रोशनी चली गई. अब वह देख नहीं पाती, लेकिन इस बैंड के सहारे वह एक नई दुनिया को देख रही है, जहां संगीत की धुन है, कोरस में गाया हुआ सुर है. इससे वह अब बेहद खुश है.

आदिवासी संस्कृति को रौशनी दे रही अंजली

पढ़ें :SPECIAL: चुनाव बीत गए, नेता वादे कर लौट गए, पर नहीं मिला आशियाना

फिल्मी धुनों की बजाए कबीर और लोकगीत को अपनाया

बैंड में अन्य लड़कियां भी गिटार, हारमोनियम, ढोलक, कांगो, ढपली जैसे वाद्य यंत्र बजाने में पारंगत हैं, जिससे अत्यंत मधूर और सुरीली धुन निकलती है. इन कलाकारों ने जिस तरीके का प्रयोग किया है, वैसा प्रयोग शायद ही किसी ने किया हो. सभी कबीर के दोहे, छत्तीसगढ़ी और बुंदेलखंडी लोक गीतों को अपनी धुन में पिरोते है. इस बैंड के एक महत्वपूर्ण सदस्य देवेंद्र ग्रोवर बताते हैं कि, फिल्मी गीतों पर तो सब जगह काम हो रहा है, लेकिन हमारी अपनी सदियों पुरानी संगीत की विरासत बैंड में नजर नहीं आ रही है. इसलिए इस बैंड के जरिए पारंपरिक संगीत को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.

हटकर सामने आई इस बैंड की कहानी

शहर में कलाकारों की कमी नहीं है, लेकिन लड़कियों का एक ऐसा बैंड थोड़ा हटकर अपनी कहानी लेकर सामने आया है. लड़कियों का यह बैंड अपना भविष्य बनाना चाह रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details