रायपुरः ब्रम्हपुरी में स्थित विरंची-नारायण और नरसिंह नाथ मंदिर की प्रतिमाएं तकरीबन 1150 साल पुरानी हैं. प्रतिमा की खास बात यह है कि गर्मियों में ये ठंडी और ठंड के मौसम में गर्म रहती है.
छत्तीसगढ़ का ये एक मात्र ऐसा मंदिर, जानिए 1150 साल पुरानी इन प्रतिमाओं का रहस्य पूरे छत्तीसगढ़ में ये भगवान विष्णु और ब्रम्हा की एक मात्र मूर्ति है, जो अष्ट धातु से बनी है. यहां भगवान नरसिंह की हिरण्यकश्यप का संहार करते हुए प्रतिमा मौजूद है, जहां उनके बगल से प्रह्लाद खड़े हैं.
हरहरवंशी ने करवाया था निर्माण
माना जाता है कि करीब 1 हजार 150 साल पहले राजा हरहरवंशी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. 28 खंभों पर टिके इस मंदिर के सभी खंभे तीन फीट चौड़े और 10 फिर लंबे हैं. वहीं छत की चौड़ाई तीन फीट से भी ज्यादा है. इस मंदिर की छत पर अलग-अलग ताबीज के आकार बनाये गए हैं.
क्या कहते हैं पुजारी
इस मंदिर के गर्भगृह में दोनों भगवान की प्रतिमाएं विराजित हैं. मंदिर के पुजारी महाराज देवदास की मानें तो ये प्रतिमाएं जागृत हैं, इसलिए ये बार-बार अपना स्वरूप बदलती हैं. वहीं पुरातत्वविद् अरुण शर्मा ने बताया कि, 'प्रतिमा का तीसरा भाग काफी नीचे तक है, जिसके कारण वह पानी मे डूबा रहता है. इसके कारण प्रतिमाएं गर्मी के मौसम में ठंडी और ठंड में गर्म रहती हैं. इसमें कोई चमत्कार नहीं है'.