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फर्जी बिल लगाकर खाकी को ठगने की कोशिश, आरोपी को तलाश रही पुलिस

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Published : Jun 5, 2020, 7:55 PM IST

रायपुर के पुलिस लाइन की वाहन शाखा में फर्जी बिल लगाकर लगभग 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने की कोशिश की गई है.

फर्जी बिल लगाकर 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज

रायपुर: राजधानी की पुलिस लाइन की वाहन शाखा में फर्जी बिल लगाकर लगभग 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने की कोशिश की गई है. पुलिस फिलहाल राजनांदगांव के ट्रैवल्स कारोबारी राजेश सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुटी है.

फर्जी बिल लगाकर 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज

बता दें, साल 2019 में हुए दंतेवाड़ा उपचुनाव में राजनांदगांव दादा ट्रैवल्स की 17 बसों का अधिग्रहण किया गया था. चुनाव खत्म होने के बाद ट्रैवल्स संचालक राजेश सहित अन्य 15 बसों का फर्जी बिल भी लगा दिया था. शाखा प्रभारी राजकुमार द्विवेदी की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है.

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कोतवाली थाना प्रभारी आर के पात्रे ने बताया कि दंतेवाड़ा उपचुनाव में अन्य ट्रैवल्स कंपनियों के साथ दादा ब्रदर्स के संचालक और अन्य की ओर से राजनांदगांव की ट्रैवल्स कंपनी से 17 बसों का अधिग्रहण कर उन्हें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को उपलब्ध कराई गई थी. अधिग्रहण के बाद वाहनों को वाहन शाखा प्रभारी की सील साइन युक्त ड्राइवर डायरी जारी की गई थी. वाहन शाखा के रोजनामचा में एंट्री क्रमांक 41/10 सितंबर 2019 में एंट्री की गई है. उपचुनाव संपन्न होने पर अन्य फर्मों की ड्राइवर डायरी के साथ दादा ब्रदर्स के राजेश और अन्य के द्वारा भी ड्राइवर डायरियां जमा की गई थी.

'फर्जी बिल लगाकर लिया गया पीओएल'

बजट आवंटन प्राप्त होने पर ड्राइवर डायरियों का परीक्षण वाहन शाखा के शाखा प्रभारी उप निरीक्षक राजकुमार द्विवेदी ने किया, जिसमें 15 वाहनों की रोजनामचा डायरी में कोई एंट्री दर्ज होना नहीं पाया गया. जमा की गई ड्राइवर डायरियों में वाहन शाखा प्रभारी की सील और साइन नहीं थी. अंदर के पन्नों पर वाहन शाखा प्रभारी कि फर्जी सील लगाकर पीओएल प्राप्त किया गया, लेकिन वास्तव में वाहन शाखा की ओर से यह जारी नहीं किया था और न ही रोजनामचा में रिपोर्ट दर्ज है. इसके अलावा सभी डायरियों में वाहन शाखा जगदलपुर की सील लगाकर पीओएल प्राप्त करना दर्शाया गया था. इस तरह जानबूझकर शासकीय रुपये प्राप्त करने के लिए फर्जी बिल तैयार कर 25 लाख 21 हजार 720 रुपए का फर्जी भुगतान लेने की कोशिश की गई.

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