छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

रायपुर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम की शुरुआत

दांडी मार्च नमक सत्याग्रह की 91वीं वर्षगांठ के मौके पर देशभर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने महोत्सव की शुरूआत की. महोत्सव का आयोजन 75 हफ्तों तक चलेगा.

By

Published : Mar 12, 2021, 8:33 PM IST

amrit-mahotsav-organized-in-raipur
आजादी का अमृत महोत्सव

रायपुर: दांडी मार्च नमक सत्याग्रह की 91वीं वर्षगांठ के मौके पर देशभर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने महोत्सव की शुरूआत की. महोत्सव का आयोजन 75 हफ्तों तक चलेगा.

रायपुर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम की शुरुआत

राजधानी रायपुर में केंद्र सरकार के उपक्रम HIL में अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. इस आयोजन में डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल्स सेंट्रल इंडिया के अधिकारी भी जुड़े. यहां आत्मनिर्भर के लिए काम कर रहे महिलाओं का सम्मान भी किया गया.

दांडी मार्च दिलाता है आत्मनिर्भरता की राह
भारत की आजादी में दांडी मार्च की खास अहमियत रही है. इस आंदोलन के जरिए महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा के ताकत का परिचय कराया था. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च सबसे प्रभावशाली प्रतीकात्मक आंदोलन रहा है. इसके बाद से ब्रिटिश हुकूमत की सत्ता दबाव में आने लगी थी.

आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए फोकस

दांडी मार्च के 91वीं वर्ष गांठ और आजादी के 75वीं वर्षगांठ को लेकर इस आयोजन को 'आजादी का अमृत महोत्सव' नाम दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस महोत्सव को आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत बताया है. यह महोत्सव आत्मनिर्भर भारत के तहत ग्रामीण परिवेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे-छोटे कुटीर उद्योग और अन्य कामों के माध्यम से लोगों को रोजगार देने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम से पदयात्रा को दिखाई हरी झंडी

महात्मा गांधी के संदेश को घर-घर पहुंचाया जाएगा

डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल्स के डायरेक्टर डीके मदान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से कार्यक्रम को संबोधित किया. वहीं एचआईएल के सीएमडी एसपी मोहंती ने अमृत महोत्सव के उद्देश्य को लेकर अपना उद्बोधन दिया. उन्होंने कहा कि आजादी के लिए जिस तरह महात्मा गांधी ने एक मुट्ठी नमक लोगों से लेकर अग्रेंजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उसी तरह अब लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस महोत्सव को समर्पित किया गया है. इसमें इस दौरान अलग-अलग तरह के आयोजन किए जाएंगे. इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को सम्मान भी किया जाएगा. महात्मा गांधी के संदेशों को घर-घर पहुंचाया जाएगा.

मेडिकेटेड मच्छरदानी का निर्माण

गांधी जी ने दांडी यात्रा निकालकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया था, इसी तरह केंद्र सरकार भी आत्मनिर्भर भारत के तहत लोगों को अपने रोजगार के साथ ही आधुनिक बनाने के लिए काम कर रही है. आत्मनिर्भर भारत के तहत यहां पर महिलाओं को मच्छरदानी बनाने का काम किया जा रहा है. अपनी तरह का पहला उत्पाद है जिसमें मेडिकेटेड मच्छरदानी का निर्माण किया जा रहा है. इस मच्छरदानी में मच्छर बैठेगा तो खुद ब खुद मर जाएगा. सबसे बड़ी बात है कि इसके निर्माण के लिए चल रहे काम में 80 परसेंट काम करने में महिलाओं का ही योगदान है.

कोरिया : अमृतधारा में मनाया गया अमृत महोत्सव

युवाओ और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

HIL के मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के प्रमुख सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस अभियान में मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत मिशन को लेकर केंद्र सरकार आगे बढ़ रही है. ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने के लिए HIL लगातार प्रयास कर रहा है.

दांडी मार्च को याद करना आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित करने जैसा

भारत में नमक बनाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है. परंपरागत ढंग से नमक बनाने का काम किसानों की ओर से किया जाता रहा है. पहले यह नमक बनाने का काम खास जाति के लोगों करते थे, जिन्हें नमक किसान भी कहा जाता थ. बाद में अंग्रेज सरकार ने इसके लिए कानून बनाकर नमक बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके विरोध में गांधी जी ने 12 मार्च को साबरमती आश्रम से दांडी मार्च निकालकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था. साबरमती से दांडी तक करीब 388 किलोमीटर की यात्रा में उन्होंने 24 दिन में पूरी की थी. इस दांडी यात्रा से अंग्रेज सरकार की हुकूमत हिल गई थी. गांधी जी की दांडी यात्रा के साथ भारत भर में राष्ट्रीय चेतना की लहर चल पड़ी. भारत की स्वतंत्रता के लिए दांडी मार्च आज भी मुश्किल वक्त में सही फैसला करने की राह दिखाता है. लोगों को त्याग के बारे में समझाता है. यही वजह है कि करीब 91 साल बाद भी आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव का आयोजन पर इस घटना को याद करना ही अपने आप में आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित करने जैसा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details