रायपुर:कहते हैं आंवला पेड़ के दर्शन मात्र से ही कई कष्ट दूर होकर सुख समृद्धि आती हैं. कार्तिक मास की नवमी तिथि को आंवला नवमी 2023 या अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की विधिविधान से पूजा करने पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती हैं.
Amla Navmi 2023 आंवला नवमी पर आंवला पेड़ की पूजा कर पाएं भगवान विष्णु, लक्ष्मी और शिव का आशीर्वाद
Amla Navmi 2023 आंवला ना सिर्फ खाने में गुणकारी है बल्कि इसके पेड़ की पूजा मात्र से कई देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. Akshaya Navami 2023
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 21, 2023, 7:13 AM IST
आंवले के पेड़ की पूजा की कथा:एक बार मां लक्ष्मी ने पृथ्वी भ्रमण के दौरान भगवान विष्णु और शिव की एक साथ पूजा करने की सोची. लेकिन उनके मन में आया कि भगवान विष्णु और शिव की पूजा कैसे करें. तब उनके मन में आया कि तुलसी को भगवान विष्णु से प्रेम है और भगवान शिव को बेल पत्र से. दोनों की गुणवत्ता आंवले के पेड़ में पाई जाती है. इसके बाद मां लक्ष्मी ने विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर आंवले के पेड़ की पूजा आराधना की. लक्ष्मी देवी की पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव प्रकट हुए. लक्ष्मी माता ने उनके लिए आंवले के पेड़ के नीचे ही खाना बनाया और उसे विष्णु और भगवान शिव को परोसा. इसके बाद माता लक्ष्मी ने उस भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. जिस दिन माता लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ की पूजा की वो दिन कार्तिक महीने की नवमी तिथि थी. तब से आंवला पेड़ की पूजा की परंपरा चली आ रही है.
आंवला नवमी पर आंवला पेड़ की पूजा: आंवला नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें. किसी भी आंवले के पेड़ के पास जाए. वहां पूर्व दिशा में खड़े होकर पेड़ पर जल और दूध चढ़ाएं.आंवले की आरती उतारें. आंवला पेड़ के चारों ओर मौली धागा लपेटे. अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करें. इस दिन आंवला पेड़ के नीचे खाना बना कर पूरे परिवार के साथ खाया जाता है.