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मरवाही उपचुनाव: उम्मीदवारी पर खतरा देख अमित जोगी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

मरवाही उपचुनाव में जोगी परिवार के जाति विवाद को लेकर अब अमित जोगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने निकल गए हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार घेराबंदी कर रही है, इसे देखते हुए उनके पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.

Amit Jogi
अमित जोगी

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Published : Oct 12, 2020, 11:09 AM IST

Updated : Oct 12, 2020, 11:16 AM IST

रायपुर:मरवाही उपचुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अमित जोगी अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए हैं. खुद के आदिवासी होने और उपचुनाव में नामांकन को लेकर हाल ही में पैदा हुई कुछ आशंकाओं के मद्देनजर अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है. उनकी पत्नी ऋचा जोगी का जाति प्रमाणपत्र सामने आने के बाद से ही आशंका जताई जा रही है कि अमित या ऋचा चुनाव मैदान से कहीं जाति प्रकरण के कारण बाहर न हो जाएं.

पढ़ें-ऋचा जोगी जाति मामला: जवाब देने की आज अंतिम तिथि

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा सीट खाली हुई है, जिस पर उपचुनाव होने वाला है. ये सीट जोगी परिवार का गढ़ मानी जाती है, हालांकि इस बार मरवाही में JCCJ की राह आसान नहीं है. जोगी परिवार के जाति संबंधी विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का जाति विवाद वर्षों तक अदालत में चलता रहा. उनकी मृत्यु के पहले तक मामला अदालत में विचाराधीन था. वहीं इसी क्रम में उनके पुत्र अमित जोगी की जाति को लेकर भी पेंच फंसा है. अब अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र का भी मामला सामने आ गया है.

जाति प्रमाणपत्र पर पड़ताल शुरू

अमित जोगी मरवाही विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार माने जा रहे थे और वे इसकी तैयारी में डटे हुए थे, लेकिन इसी बीच उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर स्थानीय प्रशासन ने जांच पड़ताल शुरू करवा दी. इधर राज्य सरकार ने जाति संबंधी मामले को लेकर नियमों में भी बदलाव कर दिया है. इन कारणों से अमित जोगी की उम्मीदवारी पर खतरा मंडरा रहा है.

ऋचा जोगी को आज देना है जवाब

राज्य सरकार के जाति प्रमाण पत्र संबंधी मामले में नियम बदलने के बाद अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी का भी प्रत्याशी के रूप में नाम सामने आने लगा, लेकिन अब उनके जाति प्रमाण पत्र पर भी कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. अनुसूचित जाति के होने संबंधी प्रमाण पत्र को प्रशासन ने जारी किया है, लेकिन अब विवाद सामने आने के बाद सरकार ने ही इस प्रमाण पत्र को गलत ठहरा दिया है. अब जाति प्रमाणपत्र को लेकर उनकी उम्मीदवारी भी खतरे में पड़ी है. जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने अपनी बात रखने के लिए ऋचा जोगी को 12 अक्टूबर तक का समय दिया था.

अमित जोगी का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह सारे कानूनी विकल्पों का उपयोग करेंगे. राज्य सरकार जिस तरह से घेराबंदी कर रही है, उसके बाद उनके पास अब सुप्रीम कोर्ट जाना ही एक सही रास्ता है.

Last Updated : Oct 12, 2020, 11:16 AM IST

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