रायपुर: राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ईओडब्ल्यू में आय से अधिक मामले में अमन सिंह और उसकी पत्नी यासमीन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. उसी मामले की जमानत के लिए अमन सिंह के वकील अनिल खरे जिरह की. इस मामले में ईओडब्ल्यू की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास और उचित शर्मा की ओर से अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने अपना पक्ष रखा था. अति संवेदनशील मामला होने के कारण सेशन कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
अमन सिन से 9 घंटे चली पूछताछ: ईओडब्ल्यू एसीबी ने 2 दिन पहले ही नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. जहां उनसे 9 घंटे तक पूछताछ की. पहले भी अमन सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत का आवेदन दिया था. वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली.
Aman Singh bail plea rejected: अमन सिंह की मुश्किलें बढ़ी, रायपुर कोर्ट से नहीं मिली राहत
आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के मुख्य सचिव रहे अमन कुमार सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रायपुर कोर्ट में लगी उनकी जमानत अर्जी को एडीजे संतोष तिवारी की कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उनकी जमानत को लेकर 2 घंटे तक जिरह चली. शुक्रवार को उनके वकील के द्वारा जमानत याचिका लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है.
क्या है मामला: सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने अमन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत की थी. इसी वजह से मुख्यमंत्री सचिवालय ने 24 फरवरी 2019 को पत्र लिख कर एंटी करप्शन ब्यूरो को मामले की जानकारी दी थी. जिसमें प्रारंभिक जांच क्रमांक 35/ 2019 के उल्लेख के साथ अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के विरुद्ध नंबरी अपराध दर्ज कर सूचित करने के निर्देश थे. एसीबी ने अमन सिंह और उसकी पत्नी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) बी, 13 दो और 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. इस एफआईआर के खिलाफ अमन सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जहां एफआईआर को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए.