रायपुर: दावत-ए-इस्लामी संस्था (Allotment of land to Dawat-e-Islami) को छत्तीसगढ़ में जमीन आवंटन करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Former Minister Brijmohan Agarwal) ने सरकार पर पाकिस्तान की संस्था दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) को जमीन देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद रायपुर प्रशासन ने इसका खंडन किया. रायपुर जिला प्रशासन ने कहा कि उसने जमीन आवंटन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. अब इस केस में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के सभी आरोपों को खारिज किया है.
दावत-ए-इस्लामी संस्था को जमीन आवंटन का मामला कांग्रेस प्रदेश संचार विभाग (Sushil Anand Shukla in-charge of State Congress Media Department) के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बोरियाकला में जमीन आवंटन को लेकर गलत बयान दे रहे हैं. उनके सभी आरोप झूठे और भ्रम फैलाने वाले हैं. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस दावत-ए-इस्लामी संस्था की बात बृजमोहन अग्रवाल कर रहे हैं वह पाकिस्तान की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्था है. इस संगठन ने 15 साल पहले छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्रेशन कराया था. उसका पाकिस्तान की संस्था जो कराची में स्थापित है उससे दावत-ए-इस्लामी (Pakistan organization Dawat-e-Islami) से कोई लेना देना नहीं है.
दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) को जमीन का आवंटन किया गया रद्द-कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि दावत-ए-इस्लामी संस्था को 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में जिला अधिकारी को सिर्फ 7500 स्कॉयर फीट जमीन आवंटन करने का अधिकार है. अगर जमीन का आवंटन इससे ज्यादा है तो राज्य सरकार से इसकी अनुमति लेनी होगी.
दावत-ए-इस्लामी जमीन आवंटन केस: बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर रायपुर प्रशासन का बयान, जमीन का आवंटन हुआ रद्द
अधिकारियों को नोटिस हुआ जारी-कांग्रेस
कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख ने कहा कि इस मामले में जिन दो अधिकारियों ने गलती की है सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है. उनमें भू अभिलेख अधीक्षक, नायब तहसीलदार, इश्तिहार प्रकाशक शामिल हैं. 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन को इश्तिहार में 10 हेक्टेयर जमीन कर दिया गया. इसलिए यह कार्रवाई हुई है.
आर पी सिंह ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह (Congress spokesperson RP Singh) ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावत-ए-इस्लामी संस्था (Union Minister Nitin Gadkari) को 2021 में कोविड के दौरान अच्छा कार्य करने के लिए सम्मानित किया था. आरपी सिंह ने सवाल उठाया कि दावत-ए-इस्लामी संस्था आतंकवाद में शामिल संस्था है तो मोदी सरकार ने उस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया. यह संस्था यूपी, बिहार और जहां भाजपा की सरकार है. वहां भी काम कर रही है. बृजमोहन अग्रवाल इसका भी जवाब दें. आरपी सिंह ने कहा कि जब साल 2000 में छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी. तब नरेंद्र मोदी पर्यवेक्षक बनकर यहां आए थे. उनके साथ अभद्र और अशोभनीय व्यवहार किया गया. जिसमें बृजमोहन अग्रवाल का नाम प्रमुखता से सामने आया था. मेरा यह सीधा आरोप है कि उस तल्खी को बरकरार रखते हुए नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाने के लिए जानबूझकर दावत-ए-इस्लामी संस्था के नाम का इस्तेमाल किया गया. आरपीए सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने पीएम मोदी के प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान जाने के मुद्दे पर भी सवाल खड़े किए.