रायपुर:केंद्र सरकार की ओर सेहाल ही में पारित किए गए कृषि कानून चर्चा पर किसानों को धक्का लगा है. कृषि सुधार के नाम पर केंद्र सरकार ने जो तीन कानून पास किए हैं, इसे लेकर किसानों में भारी आक्रोश है. अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 8 और 9 अक्टूबर को देश के कुछ प्रतिष्ठित प्रगतिशील किसानों और केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ इस कानून पर चर्चा के लिए बैठक रखी गई थी, लेकिन अंतिम समय में एजेंडे में संशोधन से संबंधित मुद्दों को ही हटा दिया गया.
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राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि इन बैठकों में अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) की ओर से भाग लेने के लिए वे दिल्ली गए थे, लेकिन जब एजेंडे में संशोधन वाले मुद्दे को हटा दिया गया तो आइफा ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया. डॉक्टर त्रिपाठी आगे ने कहा कि सरकारें किसानों के अधिकारों और सुरक्षा की सिर्फ बातें करती है, लेकिन जब संवैधानिक जामा पहनाना होता है, तो वह किसानों के बजाय कॉर्पोरेट के पक्ष में ज्यादा खड़ी दिखती है.